बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधारकर सिंह ने एक बार फिर से अपनी सरकार यानि महागठबंधन सरकार के खिलाफ हमला बोला है. उन्होंने कहा कि रीगा चीनी मिल बंद होने का मुख्य कारण बिहार की मौजूदा सरकार है. सीतामढ़ी के किसान भवन परिसर में पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का किसानों ने शुक्रवार को स्वागत किया. किसानों ने चीनी मिल चालू कराने में सहयोग करने का आग्रह किया. इस मौके पर पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान सरकार किसानों के लिए कृषि रोड मैप बनाती है, जिसमें कृषि शब्द गायब हो जाता है, सिर्फ रोडमैप रह जाता है.
अपनी सरकार को कटघरे में खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ सिर्फ सड़कों की खेती करती है. वहीं चीनी मिल को चालू कराने के सवाल पर कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में मैं सवाल रखूंगा. आप अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों खासकर एमएलए से समर्थन करने का दबाव बनाइए, क्योंकि कोई भी जनप्रतिनिधि किसानों के सवाल पर चुप्पी साध लेता है. उन्होंने आगे कहा कि किसान आज निरीह प्राणी बना हुआ है. उन्होंने कहा कि मैंने किसानों के लिए ही अपने पद से इस्तीफा दिया था. आज के समय में सबसे ज्यादा उपोक्षित सिर्फ किसान और कृषि विभाग ही है क्योंकि यह किसानों से संबंधित है. सुधाकर सिंह ने कहा कि कृषि पर बिहार सरकार द्वारा चार हजार करोड़ का बजट बनाया गया है जबकि किसानों से सरकार डेढ़ लाख करोड़ रुपए कर के माध्यम से वसूल लेती है. राज्य में किसान बदहाल है. सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार के अन्य चीनी मिलों के अपेक्षा रीगा चीनी मिल को ज्यादा घाटा कैसे लगा यह जांच का विषय है. वहीं दूसरी चीनी मिल घाटे में नहीं है. सभी चीनी मिल लाभ में चल रहे हैं.