
बैजनाथपुर क्षेत्र के अन्तर्गत चलने वाले सात निश्चय योजना में ठेकेदार और बिचोलिए का चांदी कट रहा है क्योंकि जहां ये योजना चल चुका है एक तो वहां किसी प्रकार का बोर्ड नहीं लगता है जिससे पता चले कि योजना कितना लागत का है दूसरी जहां घर घर पानी पहुंचाने की बात करता है वहीं या तो टंकी से पानी नहीं निकलता है तो दूसरी तरफ घटिया सामग्री का खुले आम प्रयोग किया जाता है जिससे कहीं कही ग्रामीणों के द्वारा योजना को बंद भी किया जा चुका है कहीं पर तो केवल जल मीनार खरा करके पैसा का उगाही करके योजना को छोर दिया जाता है सोचने की बात है कि इतना लापरवाही के बाबजूद भी कोई पदाधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है इससे साफ जाहिर होता है कि ठेकेदार और अफसर के मिलीभगत से ये योजना चल रहा है क्योंकि इस प्रकार की खबर बराबर सभी अख़बार में छप रही है जहां कही घर घर पानी जा रहा था अब वह बंद हो गया है यह कहकर की पाइप फट गया है इस बात से साफ जाहिर हो रहा है कि किस प्रकार का सामग्री का उपयोग किया गया है.