
सुपौल जिले के सुपौल थाना क्षेत्र अंतर्गत सुखपुर सॉल्हनी पंचायत के मुखियाजी राम विलास कामत ने लॉक डाउन में फसे गांव के किसान परिवार के सदस्यों ने मजदूरी जो दिल्ली,हरियाणा, अमृतसर UP में जूस का काम कर अपने परिवार की भरण पोषण करता था । उनलोग के अपने परिवार के सदस्यों के बीच में गांव आया लेकिन भगवान को यह मंजूर नहीं था जिस तरह भगवान रामचंद्र जी को प्रथम चरण में राजगद्दी नसीब नहीं हुई और 14 वर्ष का वनवास मिला उसी तरह करोना संक्रमण के लॉकडाउन में गांव के किसान परिवार के सदस्यों ने मजदूरी के लिए दिल्ली से बचने के लिए आया,लेकिन कलयुग के अवतारी कोविड-19 के इस महामारी संक्रमण से हताश देश विदेश देश की सरकार के द्वारा जनता कर्फ्यू से लेकर लॉकडाउन के कारण 14 दिन का वनवास की तरह सुखपुर के पंचायत भवन ऑफिस में 13 मजदूरों की जत्था को संरक्षण सुरक्षा भोजन स्वास्थ्य के लिए सुखपुर सोल्हनी के मुखिया एवं जदयू जिला अध्यक्ष पद से सुसज्जित रामविलास कामत जी से पूछा गया की इस लॉकडाउन में होने वाले खर्च कहां से किया जाता है और कहां होता है उन्होंने कहा की मजदूर की भोजन सारी सुपौल प्रखंड के प्रभारी से मिलता है,और कार्य से लेकर गांव में 1000 साबुन डिटॉल छोटा वाला मैं अपने स्वयं के फंड से करता हूं जो पंचायत की कोष से नहीं,जो भी कोई खर्च हुआ है वह मैं अपने पर्सनल कोष से खर्च करता हूं,सरकार की तरफ से 21 दिन के समाप्ति के बाद ये लोग सुरक्षित है जिससे इन लोग अपने में नियम का तत्परता से पालन किया है और यहां के लोग अपनी सूझबूझ से गांव में शांति एवं कानून का सम्मान किया है आज 14 दिन से गांव में रह रहे लोग को स्वास्थ्य जांच होने के बाद गांव के मुखिया जी के मार्फत से दिल्ली से आए प्रवासी मजदूरों को मार्क्स के रूप में गमछा एवं डिटॉल साबुन से सम्मानित किया।
मुखिया एवं जदयू जिलाध्यक्ष रामविलास कामत