
आगरा में महाराजा अग्रसेन सेवा सदन, कमला नगर में छह अप्रैल से आए पारस अस्पताल के कमर्चारियों के सब्र का बांध मंगलवार को टूट गया। मंगलवार को कर्मचारियों ने भूख हड़ताल शुरू दी। इन्होंने कहा कि बिना अन्न-जल के धरना देंगे।
अस्पताल कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि यहाँ न तो जांच हो रही है और न ही घर जाने दिया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी और डीएम के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी इन युवा बेरोजगार कर्मचारियों का बेवजह उत्पीड़न कर रहे हैं। जो साथी पॉजिटिव आए थे उन्हें अन्य सेंटर्स से घर भेजा जा चुका है।
क्वारंटीन सेंटर में मौजूद पारस अस्पताल के कर्मचारी खुद को स्वास्थ्य सेवक बता रहे हैं। उनका कहना है कि जिन्होंने कोरोना फैलाया वे घर जा चुके हैं, हमारा कसूर नहीं है फिर भी क्वारंटीन में इतने दिनों से हैं। हम आईसीयू के कर्मचारी भी नहीं हैं, फिर भी हमें अपराधियों की तरह सजा दी जा रही है। इससे पहले आगरा के वाटर वर्क्स स्थित अग्रवन में बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में सोमवार को 41 लोग धरने पर बैठ गए थे। इनका आरोप था कि क्वारंटीन के 16 दिन बीत जाने पर भी हमारी कोरोना जांच नहीं की गई।
इसकी जानकारी पर एसीएम द्वितीय वीके गुप्ता डॉक्टरों की टीम के साथ पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जांच कब होगी, यह डॉक्टर तय करेंगे। उन्हें बताया गया कि क्वारंटीन में 28 दिन तक रखा जा रहा है। इस पर वे लोग मान गए थे।