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देश के नाम अपने पत्र में प्रधानमंत्री ने लिखा, मजदूरों को हुई भयानक पीड़ा

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अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 1 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम पत्र लिखकर सन्देश दिया है। उन्होंने कहा की इस बीते एक साल साल में देश ने कई ऐतिहासिक फैसले लिए है और देश ने काफी प्रगति की है, लेकिन उन्होंने ये भी स्वीकार किया की देश में कोरोना महामारी के चलते हुए लॉक डाउन में प्रवासी मजदूरों को भयानक पीड़ा का भी सामना करना पड़ा है। अपने देश के नाम पत्र में प्रधानमंत्री ने ये भी आशा की है की आर्थिक पुनरजीवन में भारत जल्द ही पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण के तौर पर उभरेगा और सबको आश्चर्यचकित कर देगा।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों के नाम अपने पत्र में लिखा, “इस विशाल महामारी के समय ये दावा नहीं किया जा सकता की इस समय किसी ने भी पीड़ा का आभास नहीं किया होगा। हमारे देश के प्रवासी मजदूर, शिल्पकार, छोटे उद्योगों के कारीगरों ने इस समय भयानक पीड़ा का सामना किया है। हालांकि हमे ये भी सुनिश्चित करना होगा की जो असुविधा हम अभी झेल रहे है वो आगे जाकर आपदा में न बदल जाये।”

लॉक डाउन के दौरान देश के अलग अलग राज्यों से हज़ारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों ने काम न मिलने के कारण अपने अपने राज्य की ओर प्रस्थान कर गए है। हालांकि बीते मार्च में लॉक डाउन के दौरान मजदूरों को जब परिचालन की कोई सुविधा नहीं मिली तो वो पैदल ही कई सौ किलोमीटर दूर अपने राज्य की और प्रस्थान कर गए।

प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की अपनी बात पे ज़ोर देते हुए कहा, “उन्हें ज्ञात है की अभी बहुत कुछ करना बाकी है। हमारा देश अभी कई सारी दिक्कतों और चुनौतियों का सामना कर रहा है और मैं दिन रात काम कर रहा हूँ। इन सब के बीच में मुझमें खामी हो सकती है लेकिन हमारे देश में कोई खामी नहीं है। इसीलिए मैं अपने आप से ज्यादा आप सब में विश्वास रखता हूँ, आप सब की काबिलियत और आप सब की शक्ति में भरोसा रखता हूँ।”

“दुनिया भर में फैले इस महामारी से ये समय जरूर संकट का है लेकिन हम भारतियों के लिए ये समय दृढ़ संकल्प का भी है। हमे ये कभी नहीं भूलना चाहिए की 130 करोड़ भारतवासियों के वर्तमान और भविष्य को कोई विपत्ति नहीं तय कर सकती।”

प्रधानमंत्री ने लिखा, “बीते 5 साल में प्रशासनिक संस्था ने अपने ऊपर लगे घोटालों और कुशासन के धब्बों से मुक्त किया है। भारत का कद काफी ऊँचा हुआ है।”

उन्होंने अपनी सरकार के द्वारा लिए गए फैसलों को भी अंकित किया जिसमे उन्होंने 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में किये गए बालाकोट एयर स्ट्राइक का भी वर्णन किया। उन्होंने आर्टिकल 370 के हटाए जाने का भी जिक्र किया और कहा, “इस फैसले ने देश के एकता और अखंडता को बढ़ावा दिया।”

नागरिकता कानून, जिसका लगभग पूरे देश में विरोध हुआ था उसपर पर प्रधामंत्री ने ध्यान आकर्षित करते हुए लिखा की ये कानून भारत के सहानभूति और सम्मिलित भाव को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में लिखते हुए कहा की उनकी सरकार के द्वारा लिए गए फैसलों से गाँव और शहर के बीच की दूरी काफी कम हुई है। उन्होंने आगे लिखा, “अगर मैं वो सारे ऐतिहासकि फैसले जो मेरी सरकार के कार्यकाल के समय लिए गए है, उसे लिखने लगूँ तो वो इस पत्र के हिसाब से काफी लम्बा हो जाएगा। लेकिन मैं ये जरूर कहूंगा की इस सरकार ने दिन रात एक करके कड़ी मेहनत और लगन से इस देश के हित के लिए काम किया है।”

भारत में फैले कोरोना महामारी पर प्रधानमंत्री ने लिखा, “कई लोगो को लगा था की जब कोरोना भारत में आएगा तो भारत विश्व के लिए परेशानी बन जाएगा, लेकिन आज आपलोगों ने विश्व के भारत की तरफ देखने का नज़रिया ही बदल दिया है। आपलोगों ने बता दिया है की भारतवासियों के एकता में जो बल है वो विश्व के सबसे शक्तिशाली देशों से भी कहीं आगे है। आपलोगों ने, चाहे वो थाली बजाने का काम हो ये दिये जलाकर स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल बढ़ने का कार्य को या जनता कर्फ्यू का सही से पालन करने का काम हो, सब मिलकर अच्छे से निभाया है और यही एकता, भारत के एक होने और श्रेष्ठ होने का सबूत देती है।”

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