
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में रोगियों को आउटडोर के बाद अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिलती है। इससे लोगों को जरूरत की स्थिति में बाहर जाकर अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा लेनी पड़ती है। इससे रोगी की परेशानी का सामना करना पड़ता है। विदित हो कि यहां मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आउटडोर और इंडोर सेवा चलती है। आउटडोर सेवा के दौरान सुबह 8 से 1 बजे तक रोगी सुविधा का लाभ लेते हैं। इस दौरान आने वाले जरूरतमंद रोगी आउटडोर में स्थित अलग अलग कमरों में तैनात चिकित्सकों को अपनी बीमारी दिखाते हैं। इनमें मेडिसिन विभाग और सर्जरी विभाग के अलावा महिला विभाग में दिखाने वाले रोगी को अल्ट्रासाउंड जांच की जरूरत की स्थिति में जांच के लिए लिखा जाता है। इस जांच के लिखे जाने के बाद महिला विभाग से पश्चिम भाग स्थित सटे कक्ष में अल्ट्रासाउंड की जांच की जाती है। यह सुविधा सिर्फ आउटडोर के दौरान मिलती है। इस सेवा समय समाप्ति के बाद रोगी को अल्ट्रसाउंड की जांच की सुविधा नहीं मिल पाती है। इससे रोगी को बाहर के जांच का सहारा लेना पड़ता है, जबकि इंडोर सेवा में एक दर्जन वार्ड समेत इमरजेंसी की सेवा चलती है। 24 घंटे के दौरान यहां डेढ़ से दौ सौ रोगी को देखने और लगभग आधे से अधिक रोगी को भर्ती करने की स्थिति होती है। इनमें कई रोगी को आवश्यक जांच की भी जरूरत पड़ती है जिसकी सुविधा रोगी को नहीं मिल पाती है। इस संदर्भ में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अधीक्षक डॉ. वरुण कुमार ठाकुर बताते हैं कि अल्ट्रासाउंड जांच में एक चिकित्सक रहने के कारण यह परेशानी है। चिकित्सक और स्थल की सुविधा बढ़ने के बाद इस सुविधा को बढ़ सकती है।