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Kisanganj:- डेंगू : सदर अस्पताल में अलग से वार्ड की व्यवस्था

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डेंगू : सदर अस्पताल में अलग से वार्ड की व्यवस्था

डेंगू को लेकर राज्य सरकार द्वारा अलर्ट जारी करने के बाद जिले के सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल सभी पीएचसी एवं सीएचसी को अलर्ट कर दिया गया है। सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर प्रसाद ने बताया कि ड़ेंगू पीड़ित मरीजों के लिए सदर अस्पताल में अलग से वार्ड की व्यवस्था उपलब्ध है। दवाईयों की भी व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल को अलग वार्ड चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में डेंगू से पीड़ित एक भी मरीज की पहचान नही हुई है,जो जिले वासियों एवं स्वास्थ्य विभाग के लिए राहत की खबर है। उन्होंने बताया कि ड़ेंगू एक गंभीर बीमारी है। जो आपके घर के अंदर ही अपना शिकार बना सकती है। ऐसे में जरूरी है कि अपने और अपने परिवार को इस खतरनाक बीमारी से बचाने के लिए हरसंभव सावधानियां बरतें। हाल के दिनों में डेंगू एक गंभीर बीमारी के रूप में उभरा हुआ है। साफ सफाई की कमी की वजह से बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। लेकिन जिले में अभी एक भी डेंगू के मरीजों की सूचना या जानकारी नही है।

मच्छर काटने से बचने का उपाय जरूरी: सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर प्रसाद ने बताया कि यह भ्रम है कि डेंगू मच्छर ऐसी जगहों में पनपता है जहां गंदगी होती या जहां गंदा पानी इकठ्ठा होता है। लेकिन डेंगू के मच्छर का गंदगी से कोई ज्यादा मतलब नहीं होता है। यह एक ऐसी बीमारी है जो एडीज मच्छर के काटने से होती है। डेंगू फैलाने वाले यह मच्छर आपके घरों में रखे गमलों, कूलर, एसी में जमा पानी से भी पैदा हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि लगातार मच्छर के काटने से ही डेंगू का संक्रमण होगा। एक एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से आप डेंगू संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए अगर आपके घर में किसी भी तरह का कोई मच्छर भी दिखे, तो उसे हल्के में ना लें। जितना जल्दी हो सके उससे बचने का प्रयास करें।

लापरवाही के कारण बढ़ जाती है डेंगू फ़ैलने की आशंका: ज़िला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने बताया की इस वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस का थीम डेंगू इज प्रिवेंटिएबल लेट्स जॉइन हैंड्स रखा गया है। उन्होंने यह भी बताया की डेंगू की बीमारी एडीज मच्छर के काटने से होती है। इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगते हैं। अगर प्लेटलेट्स बेहद कम हो जाए तो इससे मरीज की मौत भी हो जाती है। डेंगू के मामले मानसून के शूरू होने के बाद से ही सामने आने लगते हैं। दरअसल, डेंगू का लार्वा रुके हुए 7 दिन या उससे अधिक ठहरे हुए साफ पानी में ही पनपता है। ऐसी सूरत में लापरवाही बरतने पर डेंगू फैलने की आशंका काफ़ी बढ़ जाती है। डेंगू एक फ्लू जैसी बीमारी है जो डेंगू वायरस के कारण होती है। डेंगू वायरस मच्छर के दिन में काटने से फैलता है।

डेंगू बुख़ार की शुरुआत बरसात के समय में होने से बचाव जरूरी: वेक्टर रोग जनित नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने बताया कि डेंगू बुखार एडीज एजिप्टी मच्छर जनित वायरल संक्रमण है, जो जल्दी किसी भी व्यक्ति खास कर बच्चों में बहुत ही जल्दी फैलता है। इसकी रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाना पड़ता है, जिससे काफ़ी हद तक इसके प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। उन्होंने जिले वासियों से अपील करते हुए कहा कि खुद और अपने परिवार को डेंगू बुखार से बचाने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। डेंगू बुखार की शुरुआत कुछ साधारण से लक्षणों से होती है जिन्हें लोग आमतौर पर पहले नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए इस बीमारी को रोकना इसके इलाज से बेहतर व सरल तरीका है। डेंगू निवारक उपायों में मुख्य रूप से मच्छरों के प्रजनन को रोकने के उपाय और मच्छरों के काटने से बचाव के तरीके शामिल हैं।

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