
बिहार के पूर्णिया से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां पूरी दुनिया डॉक्टरों को भगवान मानती है, वहीं पूर्णिया में एक डॉक्टर की लापरवाही से एक मरीज की जान चली गई. दरअसल एक डॉक्टर ने वीडियो कॉल के जरिए प्रेग्नेंट महिला का ऑपरेशन कराने का आरोप लगा है. दरअसल ऑपरेशन के दौरान 22 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई. परिजन का आरोप है कि, ”अस्पताल की संचालिका डॉ. सीमा कुमारी पटना में थीं.
उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए भाड़े पर नर्स बुलाकर ऑपरेशन करवाई थी. ऑपरेशन के दौरान गर्भवती महिला की नस कट गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.” हालांकि मौत से पहले महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. इस घटना के बाद से अस्पताल का स्टाफ फरार है. वहीं गर्भवती महिला की मौत के बाद उसके परिजन काफी ज्यादा आक्रोशित हैं. अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. बता दें कि, इस घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. साथ ही पुलिस ने महिला के परिजन से बातचीत कर समझाने की कोशिश की. इसके साथ ही जप सुप्रीमो पप्पू यादव ने मृतक के परिजनों से मुलाकात कर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है.
आपको बता दें कि, इस पुरे मामले को लेकर मृतका के भाई विनय कुमार और चचेरे ससुर शशिधर कुमार गिरि ने बताया कि, ”प्रसव पीड़ा के चलते समर्पण प्रसूति अस्पताल में भर्ती पासवान टोला की एक महिला पूनम देवी को अस्पताल लेकर आई थी जो खुद को आशा कार्यकर्ता बता रही थी. आज से एक सप्ताह बाद प्रसव की तिथि निर्धारित की गई, जबकि सोमवार दोपहर करीब तीन बजे गर्भवती महिला को प्रसव कक्ष ले जाया गया.” इसके साथ ही रात करीब 10 बजे प्रसव कक्ष से निकल रहे स्टाफ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि, ”ऑपरेशन के दौरान नस कट गई थी, जिसके बाद परिवार के कुछ लोग अंदर गए तो महिला मृत पड़ी थी. हालांकि, मृतका के दोनों नवजात सही-सलामत हैं.” शशिधर ने बताया कि, ”पटना में बैठी अस्पताल संचालिका डॉ. सीमा कुमारी ने प्रसूति ऑपरेशन के लिए किराए पर ली गई नर्स और कंपाउंडर को वीडियो कॉल के जरिए बुलाया है.”
इसके साथ ही आपको बता दें कि, आईसीयू में भर्ती नवजात की देखभाल करने वाले स्टाफ को छोड़कर सभी कर्मचारी ताला बंद कर मौके से फरार हो गए हैं, जिसके बाद ये घटना की जानकारी खजांची थाने को दी गई. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस मृतका के परिजनों से बातचीत की और जांच में जुट गई. वहीं मौके पर मौजूद आशा कार्यकर्ता पूनम देवी ने बताया कि, ”उन्हें लगा कि सरकारी अस्पताल में महिला की डिलीवरी नहीं हो पाएगी. इस वजह से वह सरकारी अस्पताल की बजाय बच्ची को लाइन बाजार स्थित निजी अस्पताल ले आई.” इस पुरे मामले को लेकर खजांची थाने के एएसआई राम सेवक राम ने बताया कि, ”प्रसूता को निजी अस्पताल में प्रसव पीड़ा होने पर एडमिट कराया गया था. इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई है, हालांकि महिला के दोनों बच्चे सुरक्षित हैं, अस्पताल छोड़ सभी कर्मचारी फरार हैं और जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.”