
लालू यादव के बाद मीसा भारती को भी इस सीट पर मिली हार, क्या 2024 में खत्म होगा BJP का वर्चस्व?
लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती को इस बार भी बिहार की पाटलिपुत्र सीट से उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना है। मीसा को इस सीट पर 2014 और 2019 में बीजेपी उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। अभी तक एनडीए हो या महागठबंधन, किसी ने भी अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है। हालांकि, यह माना जा रहा है कि पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इस बार भी मीसा भारती को उम्मीदवार बना सकती है। मीसा को यहां पिछले दो चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था।
राम कृपाल यादव ने लगातार दो बार मीसा भारती को हराया
बता दें कि मीसा भारती को पाटलिपुत्र सीट पर 2014 और 2019 में बीजेपी उम्मीदवार राम कृपाल यादव के हाथों लगातार हार का सामना करना पड़ा था। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में राम कृपाल यादव को 5,09,557 यानी 47.28 फीसदी वोट मिले, जबकि मीसा भारती को 4,70,236 यानी 43.63 फीसदी वोट मिले। यहां कुल 57.23 फीसदी वोटिंग हुई थी।
क्या फिर से पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ेंगी मीसा भारती?
मीसा भारती दो बार पाटलिपुत्र से चुनाव हार चुकी हैं। ऐसे में उन्हें तीसरी बार उम्मीदवार बनाने से आरजेडी कार्यकर्ताओं में नाराजगी फैल सकती है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, पाटलिपुत्र की कुल जनसंख्या 25 लाख 45 हजार 80 है। यहां 2014 के लोकसभा चुनाव में 9, 78, 649 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
पाटलिपुत्र से पहली बार सांसद कौन बना?
पाटलिपुत्र लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। यहां से पहली बार 2009 में जेडीयू के डॉ. रंजन प्रसाद यादव सांसद चुने गए। उन्होंने लालू यादव को हराया था। वहीं, 2014 और 2019 में राम कृपाल यादव मीसा भारती को हराकर सांसद बने। पाटलिपुत्र में दानापुर, मनेर, फुलवारी, मसौढ़ी, पालीगंज और बिक्रम विधानसभा सीटें शामिल हैं। यहां बीजेपी का डंका बजता है।
सारण से लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं रोहिणी आचार्य
ऐसा चर्चाएं हैं कि लालू यादव की छोटी बेटी रोहिणी आचार्य सारण से पहली बार चुनाव लड़ सकती हैं। रोहिणी लालू यादव को अपनी किडनी दान कर सुर्खियों में आईं थी। एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने एक पोस्ट के जरिए बताया कि कार्यकर्ताओं की मांग है कि रोहिणी को सारण सीट से प्रत्याशी बनाना चाहिए।
बिहार में सभी सात चरण में होंगे चुनाव
बता दें कि राजद और अन्य दलों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी सीट शेयरिंग पर पेंच फंसा हुआ है। राज्य में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं, जिन पर सभी सात चरण में चुनाव होंगे।