
Bihar के इस जिले में आखिर क्यों 14 अगस्त की आधी रात को फहराया जाता है तिरंगा
बिहार के पूर्णिया में क्यों 14 अगस्त की आधी रात को फहराता है तिरंगा? जानिए इस अनोखी परंपरा के पीछे की कहानी।
आजादी का जश्न पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। हर साल 15 अगस्त को तिरंगा फहराया जाता है और देश की आजादी की खुशी मनाई जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी भी जगह है जहां इस खास दिन से एक दिन पहले ही तिरंगा फहरा दिया जाता है?
जी हां, आपने सही पढ़ा! बिहार के पूर्णिया जिले में हर साल 14 अगस्त की आधी रात को ही तिरंगा फहराने की अनोखी परंपरा है। इस अनोखे रीति-रिवाज के पीछे एक खास वजह छुपी हुई है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। आइए जानते हैं इस दिलचस्प कहानी के बारे में।
कहां है ये जगह?
बिहार के दरभंगा जिले में स्थित कुशेश्वरस्थान नामक एक छोटे से गांव में स्वतंत्रता दिवस की एक अनोखी परंपरा है। यहां, हर साल 14 अगस्त की आधी रात को तिरंगा फहराया जाता है। यह परंपरा Independence Struggle के एक इम्पोर्टेन्ट डेवलपमेंट से जुड़ी हुई है।
इतिहास की झलक
कुशेश्वरस्थान की यह परंपरा 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय से चली आ रही है। जब देश ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की, तो इस गांव के लोगों ने अपनी स्वतंत्रता की खुशी को 15 अगस्त के दिन की बजाय 14 अगस्त की रात को मनाना शुरू किया। इसके पीछे की वजह यह है कि इस गांव के लोगों का मानना है कि 14 अगस्त की रात ही वे भारत की स्वतंत्रता के सपने को साकार मानते हैं।
सांस्कृतिक महत्व
इस परंपरा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्वता बहुत अधिक है। यह गांव के लोगों के लिए Independence struggle की याद को ताजा करने का एक तरीका है। यहां रात को तिरंगा फहराने की परंपरा न केवल स्वतंत्रता के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करती है, बल्कि यह गांव की एकता और ऐतिहासिक गौरव को भी दर्शाती है।