
बिहार चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार को एक और झटका, 2 और मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ी
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वक्फ बिल पर मोदी सरकार के समर्थन के बाद से ही अब तक उनकी पार्टी के 6 नेता इस्तीफा दे चुके हैं। हालांकि अभी गुलाम गौस और गुलाम रसूल अभी भी पार्टी में बने हुए हैं। वे केंद्र सरकार से बिल वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
जेडीयू ने वक्फ बिल पर गठबंधन धर्म निभाते हुए मोदी सरकार का समर्थन किया है। इसके बाद सीएम नीतीश की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। बिहार में सीएम नीतीश की पार्टी में घमासान मच गया है। ऐसे में अब एक के बाद एक मुस्लिम नेता इस्तीफा दे रहे हैं। अब तक जेडीयू के 6 मुस्लिम नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। इनमें पूर्व प्रदेश सचिव एम. राजू नैयर, बेतिया जिला के उपाध्यक्ष नदीम अख्तर, भोजपुर से पार्टी नेता मो. दिलाशाद राईन, प्रदेश महासचिव मो. तबरेज सिद्दीकी और खुद को जेडीयू का पूर्व प्रत्याशी बताने वाले मो. कासिम अंसारी शामिल हैं। हालांकि पार्टी ने दावा किया है कि कासिम अंसारी कभी जेडीयू में थे ही नहीं।
इस मामले में जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राजद नेताओं ने मुस्लिम संपत्तियों पर कब्जा कर लिया है। सीएम नीतीश हैं तो अल्पसंख्यक महफूज हैं। अनवर हुसैन जिन्हें कबाब मंत्री कहा जाता है, एमएलसी नामांकन के लिए संपत्ति के सौदे में शामिल थे।
वक्फ बिल मुस्लिमों के खिलाफ
जेडीयू के अल्पसंख्यक प्रदेश सचिव मो. शाहनवाज मलिक ने पद से इस्तीफा देने के बाद कहा कि वक्फ बिल मुस्लिमों के खिलाफ है। हम किसी सूरत में उसे स्वीकार नहीं करेंगे। ललन सिंह ने लोकसभा में जिस तरह से इसका समर्थन किया, मैं उससे दुखी हूं। वहीं कासिम अंसारी ने लिखा कि वक्फ बिल पर समर्थन देकर जेडीयू ने अपनी सेक्यूलर छवि वाला भरोसा तोड़ा है। लाखों मुस्लिम नेताओं का यकीन टूटा है।
कानूनी लड़ाई लड़ेंगे
जेडीयू नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम रसूल ने कहा कि अब सांप्रदायिक और धर्मनिरपेक्ष में कोई फर्क नहीं रह गया है। इदारे शरिया देश के सभी हाईकोर्ट और लीगल सेल की बैठक करेगी। बिल के खिलाफ हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। हमने नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को सुझाव दिए थे। अब सभी लोग नंगे हो गए हैं।