Home खास खबर महाबोधि मंदिर में सिंगिंग बाउल समूह ने रचा इतिहास, 375 भिक्षुओं ने एक साथ बजाया, गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम – SINGING BOWL

महाबोधि मंदिर में सिंगिंग बाउल समूह ने रचा इतिहास, 375 भिक्षुओं ने एक साथ बजाया, गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम – SINGING BOWL

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महाबोधि मंदिर में सिंगिंग बाउल समूह ने रचा इतिहास, 375 भिक्षुओं ने एक साथ बजाया, गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम – SINGING BOWL

महाबोधि मंदिर प्रांगण में विश्व का सबसे बड़ा सिंगिंग बाउल समूह तैयार कर बिहार ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है.

गया: गया के बोधगया की पवित्र धरती एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी है. महाबोधि मंदिर प्रांगण में विश्व का सबसे बड़ा सिंगिंग बाउल समूह तैयार कर बिहार ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया. इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र स्वीकार किया.

भिक्षुओं ने मिलकर बुद्ध मंत्र किया गायन: यह आयोजन बिहार स्टेट स्पोर्ट्स अथॉरिटी के नेतृत्व में किया गया. जिसका उद्देश्य बोधगया की उस सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को सम्मान देना था, जहां ज्ञान की रोशनी फैली और विभिन्न धर्मों का जन्म हुआ. इस आयोजन में महाबोधि मंदिर के आंगन में सैकड़ों भिक्षुओं ने मिलकर बुद्ध मंत्र का सामूहिक गायन किया, जिससे एक नए इतिहास का निर्माण हुआ

375 भिक्षुओं ने एक साथ बजाया सिंगिंग बाउल: महाबोधि मंदिर जो स्वयं 2000 वर्षों से अध्यात्म की गूंज का केंद्र रहा है पहली बार इतने बड़े सांगीतिक आयोजन का गवाह बना. बोधि वृक्ष की छांव में जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी 375 भिक्षुओं ने एक साथ सिंगिंग बाउल बजाते हुए समरसता का अद्भुत प्रदर्शन किया. इस कार्यक्रम में 5 वर्षीय बच्चे से लेकर 70 वर्ष के वृद्ध भिक्षु तक शामिल हुए, जिन्होंने इस आयोजन को अपनी उपस्थिति से गौरवमयी बना दिया.

ये लोग थे मौजूद: कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे इसमें खासकर बिहार स्टेट स्पोर्ट्स अथॉरिटी के लिए सीओ रविंद्रन शंकर बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति की सचिव डॉ महाश्वेता महारथी, भिक्षु चालिंदा, भिक्षु मनोज सहित विभिन्न मठों के वरिष्ठ भिक्षु उपस्थित रहे. आयोजन की सफलता में गया जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का भी योगदान खास रहा. जिला पदाधिकारी डॉ त्याग राजन के नेतृत्व में सुरक्षा और व्यवस्था को सुनिश्चित की गई थी

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स: सिंगिंग बाउल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के आधिकारिक निर्णायक ऋषि नाथ ने रिकॉर्ड की पुष्टि करते हुए कहा के सभी प्रतिभागियों ने समरसता और निरंतरता के मानकों का उत्कृष्ट पालन किया है. यह न केवल रिकॉर्ड की दृष्टि से ऐतिहासिक है, बल्कि पहली बार यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट महाबोधि मंदिर का नाम भी गिनीज बुक में दर्ज हुआ है.

“गिनीज बुक में रिकॉर्ड दर्ज होना सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं बल्कि बिहार की संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत की वैश्विक पहचान का प्रतीक बन गई है. यह नया इतिहास बोधगया ही नहीं बल्कि पूरे देश और बिहार वासियों के लिए गर्व का लम्हा है.” -ऋषि नाथ, आधिकारिक निर्णायक, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

क्या होता है सिंगिंग बाउल?: सिंगिंग बाउल असल में घंटीनुमा वाद्य यंत्र होता है, बौद्ध भिक्षु मंत्र के साथ घंटी को बाउल के साथ घुमा कर बजाते हैं. सिंगिंग बाउल मिश्र धातु से बने होते हैं. जिसमें आमतौर पर तांबा, टिन, जस्ता, लोहा, चांदी, सोना और पारा सहित सात अलग-अलग धातु होती हैं. मिश्र धातु की सटीक संरचना भिन्न हो सकती है और माना जाता है कि विभिन्न धातुओं में विशिष्ट उपचार गुण होते हैं. सिंगिंग बाउल के लाभों के बारे में ऐसा माना जाता है कि बाउल से उत्पन्न होने वाली कंपन और ध्वनि मन को शांत करने, तनाव कम करने में मदद करती है.

 

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