
सीएम की सुरक्षा में चूक! काफी देर तक जाम में फंसे रहे नीतीश कुमार – CM NITISH KUMAR
बिहार सीएम नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है. नालंदा में नीतीश कुमार लंबे समय तक जाम में फंसे रहे.
नालंदा: बिहार के नालंदा में सीएम नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है. हालांकि जिला प्रशासन ने समय रहते एक्शन लिया. दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करौटा-तेलमर-सालेहपुर-राजगीर रोड का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इसके बाद उनका काफिला बिहारशरीफ की ओर बढ़ रहा था. तभी अचानक काफिला सरमेरा-बिहटा पथ की ओर मुड़ गया.
जाम में फंसे रहे सीएम: इस कारण मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लग गई. यातायात व्यवस्था पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित पूरा काफीला काफी देर तक जाम में फंस गया. इसकी जानकारी मिलते ही आनन-फानन में जिला प्रशासन ने मुस्तैदी से जाम हटवाया.
मशक्कत के बाद जाम से निकली सीएम: जानकरी के अनुसार सरमेरा-बिहटा पथ पर वाहन जैसे-तैसे अपने स्थानों पर खड़ी हो गई, जिससे काफिला रूक गया. हालांकि काफिले में मौजूद सुरक्षा बल और बॉडीगार्ड ने सीएम की कार को चारो ओर से घेर लिया और काफी मशक्कत के बाद जाम से बाहर निकाला.
राजगीर जाने का वैकल्पिक मार्ग: बता दें कि सीएम जिस पथ का निरीक्षण करने पहुंचे थे. वह एसएच 78 (बिहटा सरमेरा) पथ से प्रारंभ होकर सालेपुर-नरसंडा-तेलमर करौटा होते हुए एनएच 30 (पटना-मोकामा के जगदंबा स्थान मोड़) पर मिलता है. इस पथ से राजगीर जाने का एक वैकल्पिक मार्ग है.
इस पथ का चौड़ीकरण (फोर लेन) किया जाएगा. जिससे राजगीर जाने में लोगों को सहूलियत होगी एवं समय की भी बचत होगी. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित पथ के एलायनमेंट में पड़ने वाले रेलवे लाइन के ऊपर एलिवेटेड पथ बनाया जाएगा.
कई स्थलों का निरीक्षण: मुख्यमंत्री ने सालेपुर मोड़ के निरीक्षण के पश्चात् चौहान मोड़, बेलदारीपर, नूरसराय में भी स्थल निरीक्षण किया है. निरीक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, पटना के जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
क्या है प्रोटोकॉल: जिस जिले में सीएम का कार्यक्रम तय होता है, वहां पहले से सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रहता है. जिस पथ से सीएम का आना-जाना होता है वहां पहले से ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त किया जाता है. सीएम के काफिला के दौरान अन्य किसी भी वाहन का प्रवेश वर्जित है.
जिला प्रशासन की जिम्मेदारी: सीएम के काफिला के आगे-आगे जिला प्रशासन की ओर से स्कॉर्ट किया जाता है ताकि रास्ता क्लियर हो सके लेकिन अचानक से सीएम का जाम में फंसना सुरक्षा में चूक हो सकता है.