बनमा ईटहरी (सहरसा):
बिहार के सहरसा ज़िले के बनमा ईटहरी प्रखंड में एक गांव के नाम परिवर्तन को लेकर गंभीर विवाद सामने आया है। सरबेला चकला नाम के गांव को मतदाता सूची में ‘फरीदगंज’ के रूप में दर्ज किया गया, जिससे ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। शनिवार को दर्जनों महिला-पुरुषों ने एकजुट होकर प्रखंड कार्यालय का घेराव किया।
📢 ग्रामीणों का आरोप: साजिश के तहत बदला गया नाम
गजेंद्र सादा और पंचायत समिति सदस्य गजेंद्र शर्मा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने बीडीओ गुलशन कुमार झा से मुलाकात की और नाम बदलने को साजिश बताया। उनका कहना है कि—
“हमारे सभी दस्तावेज, आधार कार्ड, जमीन का कागज़—सभी में ‘सरबेला चकला’ ही लिखा है। कुछ लोगों ने जनसंख्या आंकड़ों को बढ़ाने के उद्देश्य से गांव का नाम बदलवा दिया है।”
👩🌾 प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों में शामिल रहे:
निर्मला देवी, रिंकू देवी, राजो देवी, भिखनी देवी, नीला देवी, सविता देवी, उमा देवी, रुको देवी, मीना देवी, घोलती देवी, पारो देवी, श्रद्धा देवी, कारी देवी, दिलीप राम, नंदन कुमार, सुशील कुमार, संतु पासवान और राजीव कुमार।
🗣️ बीडीओ का आश्वासन: जांच कर रहे हैं
प्रदर्शन के बाद बीडीओ गुलशन कुमार झा ने कहा:
“ग्रामीणों की शिकायत मिली है। मतदाता सूची में गांव के नाम को लेकर अंतर सामने आया है। पहले क्या नाम था और अब क्या दिखाया जा रहा है—इसकी पूरी जांच करवाई जा रही है।”
✅ स्थिति हुई शांत
बीडीओ के जांच और सुधार के आश्वासन के बाद मामला तत्काल शांत हो गया, लेकिन ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि सुधार नहीं हुआ तो वे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत करेंगे।
📌 निष्कर्ष:
इस घटना ने मतदाता सूची की सटीकता और पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों की भावनाएं और पहचान से जुड़े इस मामले में त्वरित समाधान जरूरी है, ताकि भविष्य में प्रशासनिक विश्वास बना रहे।



