
बाहुबली विधायक रीतलाल यादव ने कोर्ट में मांगी इच्छा मृत्यु, कहा- केस पर केस लादा जा रहा है
पटना, बिहार – बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है, इस बार वजह बने हैं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव, जिन्होंने पटना सिविल कोर्ट स्थित एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट में इच्छा मृत्यु (Euthanasia) की मांग कर दी। यह मांग उन्होंने 30 जुलाई 2025 को पेशी के दौरान जज के सामने रखी।
◼ क्या कहा विधायक ने?
बिहार के दानापुर से आरजेडी विधायक रीतलाल यादव को भागलपुर सेंट्रल जेल से कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। कोर्ट में उपस्थित होकर उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा:
“हुजूर, मुझे इच्छा मृत्यु चाहिए। मेरे ऊपर लगातार एक के बाद एक केस लादा जा रहा है। मैं मानसिक और सामाजिक रूप से टूट चुका हूं।”
इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट से भागलपुर से बेउर जेल में ट्रांसफर की मांग की, जहां वे पहले बंद थे।
◼ पत्नी ने जताया था एनकाउंटर का डर
हाल ही में रीतलाल यादव की पत्नी रिंकू कुमारी ने एक बयान देकर सनसनी फैला दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके पति की एनकाउंटर की साजिश रची जा रही है और इसके लिए उन्होंने एक शीर्ष पुलिस अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया था।
▶ पुलिस मुख्यालय का जवाब:
इसके जवाब में पुलिस मुख्यालय ने शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर खुद रिंकू कुमारी पर कार्रवाई की सिफारिश की है। पत्र में बताया गया कि रिंकू कुमारी पटना के मुसहरी क्षेत्र में नियोजित शिक्षिका हैं, लेकिन वह “विजय कंस्ट्रक्शन” नामक फर्म की साझेदार भी हैं। यह सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 का उल्लंघन है। इसलिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही गई।
◼ रीतलाल यादव पर गंभीर आरोप
रीतलाल यादव पर पहले से ही कई गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं।
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17 अप्रैल को उन्होंने दानापुर कोर्ट में रंगदारी के एक केस में सरेंडर किया था।
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उन पर एक बिल्डर से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप है।
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11 फरवरी को पटना पुलिस ने उनके 10 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें
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₹10.5 लाख नकद
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₹77 लाख के ब्लैंक चेक
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कई पेन ड्राइव
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जमीन से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए थे।
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◼ जेल ट्रांसफर का मामला
रीतलाल यादव को पहले पटना के बेउर जेल में रखा गया था, लेकिन जेल में उनके द्वारा “दरबार” चलाने की शिकायतों के बाद 1 मई को उन्हें भागलपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया। भागलपुर पहुंचते ही उन्होंने हत्या की साजिश का आरोप लगाते हुए अनशन शुरू कर दिया था।
📌 निष्कर्ष:
विधायक की इच्छा मृत्यु की मांग और लगातार केसों को लेकर नाराजगी बिहार की राजनीति में बड़ा संकेत देती है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह राजनीति से पीछे हटने की रणनीति है या फिर सत्तापक्ष पर दबाव बनाने का तरीका। लेकिन इतना तय है कि रीतलाल यादव की यह मांग आने वाले दिनों में राजनीतिक हलकों में चर्चा का बड़ा विषय बनी रहेगी।