
झारखंड पुलिस ने हजारीबाग जिले में चलाए गए ‘ऑपरेशन चूना पत्थर’ के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने CRPF की कोबरा बटालियन, राज्य पुलिस और इंटेलिजेंस यूनिट के संयुक्त अभियान में तीन हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया है।
मारे गए नक्सलियों में सबसे बड़ा नाम सहदेव सोरेन का है, जो भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय कमेटी का सदस्य और ₹1 करोड़ का इनामी था। सहदेव पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के बेटे की हत्या का आरोप था।
इसके अलावा सुरक्षा बलों ने स्पेशल एरिया कमांडर रघुनाथ हेंब्रम (₹25 लाख) और जोनल कमेटी सदस्य बिरसेन गंझू (₹10 लाख) को भी इस मुठभेड़ में ढेर कर दिया।
डीजीपी का बयान
अनुराग गुप्ता (डीजीपी, झारखंड) ने प्रेस वार्ता कर बताया कि,
“यह ऑपरेशन झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ कोबरा और इंटेलिजेंस यूनिट की साझा योजना का नतीजा है। हमें अपने जवानों पर गर्व है जिन्होंने नक्सलियों की रीढ़ तोड़ दी है।”
उन्होंने कहा कि सहदेव सोरेन दर्जनों पुलिस जवानों की हत्या और 183 रायफल लूटने जैसे मामलों में भी वांछित था।
नक्सलियों की घटती ताकत
डीजीपी ने बताया कि जनवरी 2025 से अब तक 29 नक्सलियों को मार गिराया गया है, जिससे साफ है कि झारखंड से नक्सलवाद अब समाप्ति की ओर है। उन्होंने कहा कि चाईबासा के सारंडा क्षेत्र को छोड़कर बाकी इलाकों से नक्सली लगभग खत्म हो चुके हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री की प्रतिक्रिया
अमित शाह ने भी सोशल मीडिया पर इस ऑपरेशन की सराहना की। उन्होंने कहा —
“आज झारखंड के हजारीबाग में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। ₹1 करोड़ के इनामी कुख्यात नक्सली सहदेव सोरेन और दो अन्य इनामी नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है। यह नक्सलवाद मुक्त भारत की दिशा में अहम कदम है।”