
फारबिसगंज:
स्थानीय प्रखंड कार्यालय के समीप स्थित रुंगटा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (आरआइटीएम) परिसर में सोमवार को इंजीनियर्स डे समारोहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर निदेशक डॉ. अजिताभ, प्राचार्य डॉ. राशिद हुसैन, डॉ. संजय प्रधान सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन व मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
शिक्षकों, विद्यार्थियों और पदाधिकारियों ने राष्ट्र निर्माण में अभियंताओं की भूमिका को नमन करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की। पूरा वातावरण कृतज्ञता व प्रेरणा की भावना से ओत-प्रोत हो उठा। बताया गया कि यह दिवस भारतरत्न और देश के महान अभियंता डॉ. विश्वेश्वरैया की जयंती के उपलक्ष्य में हर वर्ष मनाया जाता है।
संस्थान के ट्रस्ट के चेयरमैन एम.पी. रुंगटा का संदेश भी पढ़कर सुनाया गया। उन्होंने कहा कि डॉ. विश्वेश्वरैया का जीवन यह संदेश देता है कि कठिन परिस्थितियों में भी संकल्प व परिश्रम से असंभव को संभव बनाया जा सकता है। हमें विद्यार्थियों को उसी आदर्श के अनुरूप तैयार करना है ताकि वे सीमांचल व देश का गौरव बढ़ा सकें।
निदेशक डॉ. संजय प्रधान ने कहा कि इंजीनियर केवल मशीन या इमारत नहीं बनाते, बल्कि वे देश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इंजीनियर्स डे हमें यह स्मरण कराता है कि तकनीक का उपयोग तभी सार्थक है जब वह समाज के कल्याण के लिए हो।
प्राचार्य डॉ. राशिद हुसैन ने कहा कि इंजीनियरिंग शिक्षा का उद्देश्य केवल करियर निर्माण नहीं, बल्कि सामाजिक समस्याओं का समाधान ढूंढना भी है। आरआइटीएम के निदेशक डॉ. अजीताभ ने कहा कि आज इंजीनियरिंग केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सोचने व समस्या को अवसर में बदलने का तरीका भी है।
समारोह के दौरान आरआइटीएम परिसर में चल रहे रेनोवेशन व कंस्ट्रक्शन कार्यों में सक्रिय योगदान देने वाले साइट इंजीनियर को विशेष रूप से सम्मानित भी किया गया।