
नई दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा):
भारतीय तीरंदाजी का सपना अब हकीकत के और करीब दिखाई दे रहा है। भारत के शीर्ष मिश्रित टीम तीरंदाज ऋषभ यादव और अनुभवी ज्योति सुरेखा वेन्नम ने हाल ही में अपनी विश्व रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया है। अब उनकी नजरें 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक पर हैं, जहां कंपाउंड मिश्रित तीरंदाजी स्पर्धा पहली बार ओलंपिक खेलों का हिस्सा बनने जा रही है।
भारत के लिए ऐतिहासिक मौका
ज्योति और ऋषभ का कहना है कि यह भारत के लिए स्वर्णिम अवसर है। अभी तक भारत तीरंदाजी में कोई भी ओलंपिक पदक हासिल नहीं कर पाया है, लेकिन यह जोड़ी देश को पहला ओलंपिक मेडल दिलाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
ज्योति ने कहा:
“हम लंबे समय से इस मौके का इंतजार कर रहे थे। ओलंपिक में कंपाउंड इवेंट का शामिल होना हमारे लिए बड़ी खुशी की बात है। हमारा लक्ष्य साफ है – भारत को पहला तीरंदाजी पदक दिलाना।”
हालिया प्रदर्शन
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ऋषभ और ज्योति ने 2024-25 सीज़न में शानदार प्रदर्शन करते हुए कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीते।
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वर्ल्ड कप और एशियन आर्चरी चैंपियनशिप में लगातार पदक जीतकर उन्होंने अपना आत्मविश्वास बढ़ाया।
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फिलहाल दोनों विश्व रैंकिंग में नंबर 1 स्थान पर हैं।
कड़ी मेहनत और तैयारी
ऋषभ यादव ने कहा:
“ओलंपिक तक का सफर आसान नहीं है। रोज 6-8 घंटे की ट्रेनिंग, फिटनेस पर विशेष ध्यान और मानसिक मजबूती हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हम पूरी तरह तैयार हैं।”
ज्योति, जो पहले से ही कई बार वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में पदक जीत चुकी हैं, का अनुभव और ऋषभ की युवा ऊर्जा – दोनों का मेल इस जोड़ी को बेहद मजबूत बनाता है।
तीरंदाजी में भारत की उम्मीद
भारतीय तीरंदाजी फेडरेशन ने भी इस जोड़ी को लेकर बड़ी उम्मीद जताई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह जोड़ी अपने मौजूदा फॉर्म को बरकरार रखती है तो लॉस एंजिलिस 2028 में भारत का तीरंदाजी सपना पूरा हो सकता है।