
नई दिल्ली/हैदराबाद: भारत 5G के विस्तार में जुटा है, लेकिन इसी बीच 6G टेक्नोलॉजी पर भी जबरदस्त काम शुरू हो चुका है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) हैदराबाद ने 6G रिसर्च में बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है, जिससे साफ है कि आने वाले वर्षों में भारत इस टेक्नोलॉजी का ग्लोबल लीडर बनने की राह पर है।
IIT हैदराबाद की बड़ी उपलब्धि
IIT हैदराबाद के प्रमुख टेलीकॉम रिसर्चर प्रोफेसर किरण कुची के मुताबिक,
👉 6G को 2030 तक लागू किए जाने की उम्मीद है।
👉 यह न सिर्फ 5G से तेज होगा, बल्कि शहरों, गांवों, घरों, खेतों, फैक्ट्रियों, स्कूलों, अस्पतालों और यहां तक कि आकाश व समुद्र तक हाई-स्पीड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा।
👉 इसमें AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) का इंटीग्रेशन होगा, जिससे इंटरनेट अनुभव और ज्यादा स्मार्ट बनेगा।
6G रिसर्च में अब तक की प्रगति
🔹 IIT हैदराबाद ने सरकारी संस्थानों और विभागों के सहयोग से 7 GHz बैंड पर 6G प्रोटोटाइप तैयार किया है।
🔹 एडवांस MIMO (मल्टीपल-इनपुट मल्टीपल-आउटपुट) एंटीना एरेज विकसित किए गए हैं।
🔹 LEO (लो अर्थ ऑर्बिट) और GEO (जियोस्टेशनरी ऑर्बिट) सैटेलाइट कनेक्टिविटी के लिए कंप्लाइंट सिस्टम का सफल प्रदर्शन किया गया है।
5G से 6G तक का सफर
दुनिया हर दशक में मोबाइल टेक्नोलॉजी की एक नई जनरेशन को अपनाती है।
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2010 से 2020 के बीच 5G स्टैंडर्डाइज हुआ।
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भारत में 2022 में 5G लॉन्च हुआ और इसका विस्तार जारी है।
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6G पर 2021 से काम शुरू हो चुका है और ग्लोबल स्टैंडर्ड 2029 तक तय हो जाएंगे।
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2030 तक 6G लॉन्च होने की संभावना है।
भारतीय इनोवेशन और R&D
👉 IIT हैदराबाद ने लो-पावर सिस्टम-ऑन-चिप डिजाइन किया है, जो नागरिक और रक्षा दोनों क्षेत्रों में स्थलीय और सैटेलाइट कनेक्टिविटी सपोर्ट करता है।
👉 अब इसे हाई-परफॉर्मेंस 6G-AI चिपसेट में विस्तार दिया जा रहा है।
👉 ये इनोवेशन स्टार्टअप्स में विकसित हो रहे हैं और ग्लोबल स्टैंडर्डाइजेशन और कमर्शियलाइजेशन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
6G से क्या बदलेगा?
🌐 AR/VR एक्सपीरियंस होगा और बेहतर।
🤖 AI-पावर्ड डिवाइस और स्मार्ट IoT को पावर मिलेगी।
🚜 ऑटोनोमस मोबिलिटी, स्मार्ट खेती और फैक्ट्रियां और ज्यादा हाई-टेक बनेंगी।
🏥 स्कूल, अस्पताल और आपदा प्रबंधन तक तेज इंटरनेट और AI इंटीग्रेशन से बड़ा फायदा होगा।
भारत का विज़न 2030
जैसे-जैसे 6G के लिए वैश्विक मानक (Global Standards) तय हो रहे हैं, भारत भी अपने स्वदेशी R&D, नेटवर्क, AI एप्लिकेशन और चिप डिजाइन के दम पर एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी सप्लायर और स्टैंडर्ड सेट करने वाला देश बनने की ओर अग्रसर है।
2030 तक जब दुनिया 6G अपनाना शुरू करेगी, तब भारत सिर्फ यूज़र (consumer) नहीं, बल्कि प्रोड्यूसर और इनोवेटर बनकर सामने आएगा।