
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक हलचलें तेज हो चुकी हैं। इस बार कांग्रेस ने अपने प्रचार की कमान प्रियंका गांधी को सौंपी है, जो महिलाओं के वोट बैंक को साधने के मिशन पर उतर चुकी हैं। “माई बहिन मान योजना”, महिला संवाद, जनसभाओं और विशेष कार्यक्रमों के जरिए कांग्रेस सीधे आधी आबादी तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है। सवाल यह है कि क्या प्रियंका गांधी NDA के गढ़ चंपारण में कांग्रेस को नई ऊर्जा दे पाएंगी?
प्रियंका गांधी का बिहार दौरा: महिला वोट बैंक पर फोकस
प्रियंका गांधी 26 सितंबर को पटना और मोतिहारी दौरे पर हैं।
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पटना में संवाद: जीविका, आंगनबाड़ी सेविका और महिला समूहों से बातचीत।
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मोतिहारी में जनसभा: गांधी मैदान में बड़ी रैली, जहां कांग्रेस महिलाओं के मुद्दों को केंद्र में रखकर चुनावी बिगुल फूंकेगी।
माई बहिन मान योजना: कांग्रेस का बड़ा वादा
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झारखंड, तेलंगाना, कर्नाटक और हिमाचल में लागू।
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बिहार में हर महिला को ₹2500 मासिक सहायता देने का वादा।
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कांग्रेस का दावा – “हमने इस योजना को धरातल पर उतारा है।”
कांग्रेस की अन्य महिला केंद्रित योजनाएं
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महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा।
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विधवा पेंशन योजना।
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स्वरोजगार को बढ़ावा।
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लड़कियों की शिक्षा हेतु विशेष स्कीमें।
कांग्रेस बनाम राजद: श्रेय किसका?
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तेजस्वी यादव ने पहले महिलाओं को ₹2500 देने की घोषणा की थी।
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कांग्रेस ने इसे अपना मुख्य एजेंडा बनाकर पूरे बिहार में प्रचार शुरू कर दिया।
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राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, कांग्रेस इस योजना का श्रेय अपने नाम करना चाहती है।
चंपारण: NDA का गढ़ और कांग्रेस की चुनौती
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पश्चिम चंपारण: 9 सीटों में से 8 NDA के पास।
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पूर्वी चंपारण: 12 सीटों में से 9 NDA के पास।
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यहां बनिया, यादव, दलित और मुस्लिम वोट निर्णायक माने जाते हैं।
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प्रियंका गांधी की सभा से कांग्रेस इस वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है।
महिला कांग्रेस की मांग: 50% टिकट महिलाओं को
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महिला कांग्रेस ने टिकट वितरण में 50% महिलाओं को मौका देने की मांग की है।
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दावा – “बिहार की सभी जाति और धर्म की महिलाएं कांग्रेस के साथ आएंगी।”
महिला वोट बैंक की अहमियत
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2010 से 2020 तक बिहार में महिलाओं की वोटिंग दर पुरुषों से ज्यादा रही।
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अब तक महिलाओं का झुकाव NDA की ओर ज्यादा रहा है।
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कांग्रेस का लक्ष्य – इस बार महिला वोट बैंक को अपनी तरफ मोड़ना।
“लड़की हूं, लड़ सकती हूं”: प्रियंका गांधी का नारा
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2022 यूपी चुनाव में प्रियंका गांधी ने महिलाओं को जोड़ने के लिए यह नारा दिया।
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अब वही रणनीति बिहार में अपनाई जा रही है।
विशेषज्ञों की राय
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रवि उपाध्याय (वरिष्ठ पत्रकार): प्रियंका गांधी की सक्रियता कांग्रेस के लिए टर्निंग प्वाइंट हो सकती है।
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सुनील पांडेय (वरिष्ठ पत्रकार): NDA के गढ़ चंपारण में कांग्रेस के लिए जमीन बनाना आसान नहीं होगा।
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अमरनाथ आनंद (राजनीतिक विश्लेषक): महिला वोटरों के बिना बिहार चुनाव जीतना असंभव है।
बिहार सरकार की योजनाएं: NDA का पलटवार
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जीविका दीदी योजना।
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पंचायत चुनाव में 50% महिला आरक्षण।
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हुनर योजना और महिला उद्यमिता योजना।
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पुलिस और शिक्षा में आरक्षण।
FAQs
Q1. प्रियंका गांधी बिहार में किस योजना पर फोकस कर रही हैं?
प्रियंका गांधी “माई बहिन मान योजना” पर खास जोर दे रही हैं, जिसमें हर महिला को ₹2500 मासिक सहायता देने का वादा है।
Q2. क्या यह योजना कांग्रेस की है या राजद की?
इसका ऐलान पहले तेजस्वी यादव ने किया था, लेकिन कांग्रेस इसे अपने अभियान का केंद्र बनाकर श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।
Q3. कांग्रेस महिलाओं के लिए और कौन-सी योजनाएं लाने का वादा कर रही है?
फ्री बस सेवा, विशेष विधवा पेंशन, स्वरोजगार योजनाएं और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम शामिल हैं।
Q4. क्या प्रियंका गांधी का बिहार दौरा NDA के लिए चुनौती है?
हां, खासकर चंपारण जैसे NDA के गढ़ में प्रियंका गांधी का जनसभा करना कांग्रेस की नई रणनीति को दिखाता है।
Q5. बिहार में महिला वोट बैंक क्यों महत्वपूर्ण है?
पिछले चुनावों में महिलाओं की वोटिंग दर पुरुषों से ज्यादा रही है। यह चुनाव परिणामों में निर्णायक भूमिका निभाती है।
Q6. क्या कांग्रेस महिला उम्मीदवारों को ज्यादा टिकट देगी?
महिला कांग्रेस ने 50% टिकट महिलाओं को देने की मांग की है।
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को महिलाओं के बीच अपना चेहरा बनाकर उतारा है। “माई बहिन मान योजना” और महिला-केंद्रित घोषणाओं से पार्टी महिला वोट बैंक साधने में लगी है। हालांकि, NDA के गढ़ चंपारण में पैठ बनाना आसान नहीं होगा। यह तय है कि इस चुनाव में महिलाओं का वोट ही खेल का पासा पलटेगा।
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