Home खास खबर बिहार चुनाव 2025: अमित शाह से मुलाकात के बाद पवन सिंह की बीजेपी में वापसी, शाहाबाद में जीत की गारंटी?

बिहार चुनाव 2025: अमित शाह से मुलाकात के बाद पवन सिंह की बीजेपी में वापसी, शाहाबाद में जीत की गारंटी?

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पटना: भोजपुरी फिल्मों के “पावर स्टार” पवन सिंह ने बीजेपी में घर वापसी कर ली है। लोकसभा चुनाव 2024 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के बाद अब उन्होंने फिर से भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। दिल्ली में पवन सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और कहा कि बिहार के विकास के लिए वह “पूरा पावर” लगाएंगे।


सोशल मीडिया पर किया ऐलान

पवन सिंह ने फेसबुक पर अमित शाह, जेपी नड्डा और उपेंद्र कुशवाहा के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने पोस्ट में लिखा:

“जातिवादी राजनीति के पोषकों के दिल पे आज ई फोटो देख के साँप लोट रहा होगा, लेकिन जिनके दिल में विकसित बिहार का सपना बसता है, वो कब तक एक दूसरे से दूर रह सकते हैं। मोदी जी और नीतीश जी के सपनों का बिहार बनाने में आपका बेटा पवन पूरा पावर लगाएगा।”


उपेंद्र कुशवाहा से भी मुलाकात

  • बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े की मौजूदगी में पवन सिंह ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से भी मुलाकात की।

  • दिलचस्प बात यह है कि लोकसभा चुनाव 2024 में काराकाट सीट से पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा दोनों को हार का सामना करना पड़ा था।

  • पवन सिंह को 2,26,474 वोट मिले थे और वे दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि कुशवाहा तीसरे स्थान पर पहुंचे।


आरा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा

  • राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पवन सिंह को आरा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

  • यह सीट राजपूत बाहुल्य क्षेत्र मानी जाती है और वर्ष 2000 से लगातार बीजेपी के कब्जे में है।

  • वर्तमान विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह पिछले 25 सालों से इस सीट पर जीत दर्ज करते आ रहे हैं।


पवन सिंह क्यों हैं बीजेपी के लिए अहम?

  1. 2024 लोकसभा चुनाव और पिछले दो विधानसभा चुनावों में शाहाबाद इलाके में बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था।

    • 2015 में 22 सीटों में सिर्फ 6 पर जीत

    • 2020 में महज 2 सीटों पर सफलता

  2. पवन सिंह की लोकप्रियता से न सिर्फ राजपूत समाज बल्कि युवाओं में भी जोश आएगा।

  3. शाहाबाद क्षेत्र में राजपूत और कुशवाहा वोट बैंक को जोड़ने में पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा की नजदीकी अहम भूमिका निभा सकती है।


आरके सिंह का विकल्प?

बीजेपी के अंदरखाने में चर्चा है कि पवन सिंह की एंट्री से पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के बागी तेवरों को ठंडा किया जा सकेगा।

  • आरके सिंह लगातार पार्टी नेतृत्व से नाराज़ थे और राजपूत कार्ड खेल रहे थे।

  • लेकिन अब पवन सिंह को सामने लाकर बीजेपी ने शाहाबाद क्षेत्र में नए समीकरण बनाने की कोशिश की है।

  • राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पवन सिंह एक तरफ स्टार प्रचारक होंगे और दूसरी तरफ वोटों के बिखराव को रोकेंगे।


✅ FAQs: पवन सिंह बीजेपी में वापसी

Q1. पवन सिंह ने बीजेपी में कब वापसी की?
👉 30 सितंबर 2025 को अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद।

Q2. पवन सिंह कहां से चुनाव लड़ सकते हैं?
👉 संभावना है कि वे आरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ें।

Q3. पवन सिंह का बीजेपी में क्या रोल होगा?
👉 स्टार प्रचारक और शाहाबाद क्षेत्र में वोटों के बिखराव को रोकने वाला चेहरा।

Q4. उपेंद्र कुशवाहा और पवन सिंह का रिश्ता क्या है?
👉 दोनों ने काराकाट सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था और दोनों को हार मिली थी, लेकिन अब बीजेपी दोनों को साथ लाने की कोशिश कर रही है।

Q5. पवन सिंह के आने से बीजेपी को कितना फायदा होगा?
👉 राजपूत और कुशवाहा समाज को जोड़कर शाहाबाद में एनडीए की स्थिति मजबूत हो सकती है।

Q6. क्या पवन सिंह आरके सिंह का विकल्प बनेंगे?
👉 राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी ने आरके सिंह के प्रभाव को संतुलित करने के लिए पवन सिंह को आगे लाया है।


निष्कर्ष

पवन सिंह बीजेपी में वापसी के साथ ही बिहार की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। शाहाबाद और आरा जैसी सीटों पर उनकी लोकप्रियता बीजेपी के लिए वरदान साबित हो सकती है। चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव लाने वाले पवन सिंह अब सिर्फ भोजपुरी स्टार नहीं, बल्कि शाहाबाद में बीजेपी की जीत की गारंटी माने जा रहे हैं।

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