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जनसुराज की बैठक में प्रत्याशी चयन पर हुआ विचार-विमर्श

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विधानसभा चुनाव को लेकर जनसुराज ने बढ़ाई तैयारी

जनसुराज आंदोलन ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं।
पार्टी अब प्रत्याशी चयन की पारदर्शी प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की दिशा में बढ़ रही है।
राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में संस्थापक और प्राथमिक सदस्यों की बैठकें आयोजित की जा रही हैं।


सुपौल विधानसभा में बैठक संपन्न

रविवार को सुपौल विधानसभा में जनसुराज संगठन की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।
बैठक में सभी संभावित प्रत्याशी, संस्थापक सदस्य, प्राथमिक सदस्य, और प्रखंड अध्यक्ष शामिल हुए।
यह बैठक राज्य मुख्यालय से नियुक्त पर्यवेक्षकों की देखरेख में संपन्न हुई।


संभावित प्रत्याशियों ने रखी अपनी बातें

बैठक के दौरान विधानसभा के संभावित प्रत्याशियों ने अपने-अपने क्षेत्रीय कार्य, जनसंपर्क और संगठनात्मक गतिविधियों की जानकारी दी।
हर प्रत्याशी ने अपनी उम्मीदवारी के समर्थन में संगठन के समक्ष अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
इस दौरान माहौल पूरी तरह लोकतांत्रिक और संवादात्मक रहा।


संस्थापक और प्राथमिक सदस्यों की भागीदारी

जनसुराज की इस बैठक की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि
संगठन के संस्थापक और प्राथमिक सदस्यों को निर्णय प्रक्रिया में शामिल किया गया।
यह पहल पार्टी की जन-आधारित लोकतांत्रिक संस्कृति को दर्शाती है।


बंद लिफाफे में राय देने की प्रक्रिया

बैठक में मौजूद सभी सदस्यों को प्रत्याशी चयन को लेकर अपनी राय बंद लिफाफे में पर्यवेक्षकों को सौंपने का अवसर दिया गया।
इसका उद्देश्य था कि कोई भी सदस्य निर्भीक और निष्पक्ष राय दे सके।


पर्यवेक्षकों की भूमिका और रिपोर्टिंग

राज्य मुख्यालय से आए पर्यवेक्षक अब इन लिफाफों को संकलित कर अपनी रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को भेजेंगे।
जनसुराज के नेतृत्व स्तर पर इन्हीं रायों के आधार पर अंतिम प्रत्याशी चयन किया जाएगा।


तीन से आठ अक्टूबर तक सभी विधानसभाओं में बैठकें

यह प्रक्रिया सिर्फ सुपौल तक सीमित नहीं है।
जनसुराज पार्टी द्वारा 3 से 8 अक्टूबर के बीच बिहार की सभी विधानसभाओं में इसी तरह की बैठकें आयोजित की जा रही हैं।

दो स्तरों पर राय लेने की प्रक्रिया

पार्टी ने पहले ही जिला और प्रखंड स्तर पर संगठन से जुड़े पदाधिकारियों से राय ली है।
अब विधानसभा स्तर पर सभी संस्थापक और प्राथमिक सदस्यों की राय के बाद प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुँच गई है।


जनसुराज की चुनावी रणनीति

यह रणनीति दर्शाती है कि जनसुराज अपने उम्मीदवारों का चयन केंद्र के बजाय क्षेत्रीय राय पर आधारित कर रहा है।
यह मॉडल बिहार में आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक अनूठा प्रयोग है।


नेताओं और पदाधिकारियों की मौजूदगी

बैठक में जिला अध्यक्ष इंद्रदेव साह, जिला संगठन महामंत्री नरेश झा,
और जिला चुनाव अभियान समिति के संयोजक समेत कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।
प्रखंड अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं ने भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी की।


संगठनात्मक एकजुटता का प्रदर्शन

सभी उपस्थित नेताओं ने संगठन के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और
ईमानदारी, पारदर्शिता तथा स्थानीय भागीदारी के सिद्धांतों को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
इस बैठक ने जनसुराज की संगठनात्मक मजबूती और अनुशासन को भी दर्शाया।


विश्लेषण: जनसुराज का नया राजनीतिक प्रयोग

बिहार की राजनीति में जहां अधिकांश दलों में प्रत्याशी चयन शीर्ष नेतृत्व के निर्णय पर निर्भर होता है,
वहीं जनसुराज ने इसे जनाधारित रायशुमारी पर आधारित कर नई परंपरा शुरू की है।

पारदर्शी प्रत्याशी चयन की दिशा में कदम

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह तरीका
राजनीति में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक सकारात्मक बदलाव है।
इससे पार्टी को स्थानीय स्तर पर विश्वसनीयता और जनसमर्थन प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।

क्या यह मॉडल अन्य दलों को प्रभावित करेगा?

जनसुराज की इस प्रक्रिया से यह संकेत भी मिल रहा है कि
बिहार की राजनीति में अब संगठनात्मक लोकतंत्र को लेकर नई बहस शुरू हो सकती है।
यह प्रयोग अन्य दलों के लिए भी एक सीख और प्रेरणा बन सकता है।


FAQs (सामान्य प्रश्न)

प्रश्न 1: जनसुराज की बैठक का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर संस्थापक और प्राथमिक सदस्यों की राय लेना।

प्रश्न 2: बैठक कहाँ हुई?
उत्तर: सुपौल विधानसभा क्षेत्र में राज्य पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में।

प्रश्न 3: राय कैसे ली गई?
उत्तर: सदस्यों ने बंद लिफाफे में अपनी राय पर्यवेक्षकों को सौंपी।

प्रश्न 4: बैठक में कौन-कौन मौजूद थे?
उत्तर: जिला अध्यक्ष, संगठन महामंत्री, चुनाव समिति संयोजक और प्रखंड अध्यक्ष शामिल रहे।

प्रश्न 5: क्या यह प्रक्रिया पूरे बिहार में लागू है?
उत्तर: हाँ, 3 से 8 अक्टूबर तक सभी विधानसभाओं में यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

प्रश्न 6: प्रत्याशी चयन कब तक होगा?
उत्तर: पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद पार्टी नेतृत्व अंतिम निर्णय करेगा।


निष्कर्ष

जनसुराज की सुपौल बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी बिहार की राजनीति में
लोकतांत्रिक सहभागिता और पारदर्शी प्रत्याशी चयन की नई मिसाल कायम करना चाहती है।
यह कदम न केवल संगठन को मजबूत करेगा, बल्कि राजनीति में जन-आवाज़ को केंद्र में लाने की दिशा में भी एक अहम पहल है।

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