
रिपोर्टर: सीमांच लाइव ब्यूरो
स्थान: गुवाहाटी / सिंगापुर
तारीख: 6 अक्टूबर
घटना का सारांश:
भारतीय गायक ज़ुबीन गर्ग की मौत के मामले में अब जांच एक नए चरण में पहुंच गई है। असम सरकार ने न्यायिक जांच आयोग (Judicial Commission) गठित करने की घोषणा की है, ताकि मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो सके।
साथ ही, सरकार ने सिंगापुर से कानूनी मदद लेने के लिए Mutual Legal Assistance Treaty (MLAT) प्रक्रिया शुरू की है।
अधिकारियों के अनुसार, यह कदम घटना की अंतरराष्ट्रीय जांच सहयोग (International Coordination) सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक था।
दूसरा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पत्नी को सौंपा गया:
सिंगापुर में हुई मौत के बाद ज़ुबीन गर्ग के शव का पहला पोस्टमॉर्टम वहीं किया गया था।
असम लौटने के बाद, राज्य सरकार ने दूसरा पोस्टमॉर्टम करवाया, जिसकी रिपोर्ट अब पत्नी को सौंप दी गई है।
हालांकि, रिपोर्ट के निष्कर्ष अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में “संभावित डूबने से मृत्यु (Accidental Drowning)” का संकेत है, लेकिन “असामान्य चोटों या लापरवाही” की संभावना को खारिज नहीं किया गया है।
बैंडमेट का सनसनीखेज दावा:
इस बीच, ज़ुबीन गर्ग के बैंडमेट ने मीडिया में एक चौंकाने वाला बयान दिया है।
उनका दावा है कि —
“ज़ुबीन को लंबे समय तक आराम या नींद लेने की अनुमति नहीं दी गई थी। मैनेजर और कुछ साथी संगीतकारों के दबाव के कारण वह थक चुके थे।”
यह बयान जांच को नया मोड़ दे सकता है। पुलिस अब इस मानसिक और शारीरिक थकान के कोण से भी जांच कर रही है।
असम सरकार की कार्रवाई:
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा —
“जनता की भावना और परिवार की मांग को देखते हुए सरकार ने न्यायिक जांच आयोग गठित किया है। सच्चाई हर हाल में सामने लाई जाएगी।”
सरकार ने मामले की जांच के लिए CID और SIT दोनों को सक्रिय किया है।
अब तक 55 से अधिक FIR दर्ज की जा चुकी हैं और चार लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें आयोजक और मैनेजर भी शामिल हैं।
अब तक की जांच टाइमलाइन:
तारीख | घटना | स्थिति |
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सितंबर 2025 | ज़ुबीन गर्ग की सिंगापुर में मृत्यु | प्रारंभिक रिपोर्ट: डूबने से मौत |
20 सितंबर | शव भारत लाया गया | राज्य में शोक और विवाद |
22 सितंबर | दूसरा पोस्टमॉर्टम किया गया | रिपोर्ट असम सरकार को सौंपी गई |
25 सितंबर | SIT गठित | जांच शुरू |
3 अक्टूबर | बैंडमेट के आरोप सामने आए | नए एंगल की जांच |
5 अक्टूबर | न्यायिक आयोग का गठन | सिंगापुर से MLAT अनुरोध |
मुख्य आरोप और संदिग्ध:
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आयोजनकर्ता श्यामकानु महंत
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मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा
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बैंड सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी
इन पर लापरवाही, दमन और अनुचित दबाव के आरोप लगे हैं।
पुलिस ने इन सभी से पूछताछ की है और अब डिजिटल सबूत (मैसेज, कॉल रिकॉर्ड, ईमेल) खंगाले जा रहे हैं।
जनता और प्रशंसकों की प्रतिक्रिया:
ज़ुबीन गर्ग की मौत ने पूरे उत्तर-पूर्व भारत को झकझोर दिया है।
गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में हजारों प्रशंसक “Justice for Zubeen” बैनर लेकर सड़कों पर उतरे।
लोगों ने सरकार से मांग की है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
विश्लेषण: मौत या लापरवाही?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला अब केवल “दुर्घटनावश डूबने” का नहीं रहा।
संगीत कार्यक्रम, शारीरिक थकान, अनुचित प्रबंधन और सुरक्षा लापरवाही — ये सभी कारक मिलकर एक गंभीर स्थिति बना सकते हैं।
न्यायिक जांच आयोग के गठन से उम्मीद है कि इस रहस्य पर से जल्द पर्दा उठेगा।
निष्कर्ष:
ज़ुबीन गर्ग की मौत अब सिर्फ एक कलाकार की क्षति नहीं रही — यह एक संस्थागत जवाबदेही का मामला बन गया है।
सरकार की नई पहल और जनता की भावनाओं के साथ, यह मामला अब देशभर में ध्यान का केंद्र बन गया है।
जांच जारी है और सच्चाई सामने आने की सभी को प्रतीक्षा है।