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लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने दिखाई राजनीतिक पारी शुरू करने की इच्छा — बेनीपट्टी से चुनाव लड़ना चाहती हैं

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मैथिली ठाकुर ने जताई बेनीपट्टी से चुनाव लड़ने की इच्छा — कहा, “वहां से मेरा दिली जुड़ाव है”

रिपोर्टर: सीमांच लाइव ब्यूरो
स्थान: जबलपुर / मधुबनी / पटना
तारीख: 7 अक्टूबर

घटना का सारांश:

लोकगायिका मैथिली ठाकुर, जिन्होंने अपनी सुरीली आवाज़ और लोक-संगीत से देशभर में पहचान बनाई है, अब राजनीति में कदम रखने की इच्छा जाहिर कर चुकी हैं।

जबलपुर (मध्यप्रदेश) में आयोजित नर्मदा महोत्सव में प्रस्तुति के बाद मीडिया से बात करते हुए मैथिली ने कहा कि वह अपने गृह क्षेत्र बेनीपट्टी (जिला मधुबनी, बिहार) से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं।


मैथिली ठाकुर का बयान:

“मेरा बेनीपट्टी से एक गहरा आत्मीय रिश्ता है।
अगर मैं राजनीति में अपनी पारी की शुरुआत वहीं से करती हूं, तो बहुत कुछ सीख सकूंगी और अपने क्षेत्र के लोगों के लिए काम कर पाऊंगी।”

उन्होंने कहा कि संगीत और समाज सेवा हमेशा उनके जीवन का हिस्सा रहे हैं, और राजनीति के ज़रिए वह समाज को और व्यापक रूप से सेवा देना चाहती हैं।


भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद संकेत:

हाल के दिनों में मैथिली ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी।
इससे यह अटकलें तेज़ हो गई हैं कि वे भविष्य में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं

हालांकि, उन्होंने फिलहाल किसी दल में औपचारिक रूप से शामिल होने की घोषणा नहीं की है।
उन्होंने कहा —

“मेरी अभी राजनीति में कोई औपचारिक भूमिका नहीं है, लेकिन अगर मौका मिला तो मैं समाज के लिए अपनी भूमिका निभाऊंगी।”


बेनीपट्टी: मैथिली का मातृभूमि संबंध:

बेनीपट्टी, जो बिहार के मधुबनी जिले का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है, मैथिली संस्कृति और लोक परंपरा की पहचान रहा है।
मैथिली ठाकुर का परिवार भी इसी क्षेत्र से ताल्लुक रखता है।

स्थानीय लोग उन्हें “मिट्टी की बेटी” कहकर संबोधित करते हैं और उनकी लोकप्रियता सीमांचल से मिथिलांचल तक फैली है।


संगीत से समाज तक की यात्रा:

मैथिली ठाकुर ने लोकगीत, भजन, और शास्त्रीय संगीत के ज़रिए करोड़ों लोगों के दिलों में जगह बनाई है।
उनका परिवार — पिता रमेश ठाकुर और दो भाई रिशव और अयाची ठाकुर — भी संगीत क्षेत्र से जुड़े हैं।

उन्होंने सोशल मीडिया और मंचों के माध्यम से भारतीय संस्कृति, नारी शक्ति और नैतिकता के संदेश फैलाए हैं।
राजनीति में आने की उनकी इच्छा को लोग “सांस्कृतिक और सामाजिक विस्तार” के रूप में देख रहे हैं।


जनता और प्रशंसकों की प्रतिक्रिया:

बेनीपट्टी और मधुबनी में मैथिली ठाकुर के चुनावी संकेत के बाद लोगों में उत्साह है।
स्थानीय लोगों का कहना है —

“अगर मैथिली जी राजनीति में आती हैं तो यह हमारे क्षेत्र के लिए गर्व की बात होगी। वे साफ-सुथरी छवि और लोक संस्कृति का चेहरा हैं।”


राजनीतिक पृष्ठभूमि:

बेनीपट्टी विधानसभा सीट वर्तमान में भाजपा के कब्जे में है।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा उम्मीदवार विनोद नारायण झा विजयी हुए थे।
यदि मैथिली ठाकुर मैदान में उतरती हैं, तो यह सीट सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से बेहद रोचक बन सकती है।


निष्कर्ष:

मैथिली ठाकुर की राजनीति में आने की इच्छा बिहार की राजनीति में एक नए चेहरों की शुरुआत का संकेत है।
अगर वह चुनाव लड़ती हैं, तो यह न केवल मिथिला संस्कृति की आवाज़ को विधानमंडल तक पहुंचा सकता है, बल्कि युवाओं के लिए भी एक प्रेरक कदम साबित होगा।


संदर्भ स्रोत:

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