
पप्पू यादव का बड़ा बयान — “राजद नेतृत्व को दिखाना चाहिए बड़ा दिल, कोशी-सीमांचल में कांग्रेस को मिले अधिक सीटें”
रिपोर्टर: सीमांच लाइव ब्यूरो
स्थान: पूर्णिया, बिहार
तारीख: 9 अक्टूबर
घटना का सारांश:
बिहार में महागठबंधन (MGB) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर जारी खींचतान के बीच, पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने गठबंधन की एकता पर बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि राजद (RJD) को गठबंधन का सबसे बड़ा दल होने के नाते बड़ा दिल दिखाना चाहिए और सीट बंटवारे में सहयोगी दलों का सम्मान बनाए रखना चाहिए।
सांसद का बयान:
पूर्णिया के अर्जुन भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सांसद पप्पू यादव ने कहा —
“राजद को 90 से 100 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए, जबकि बाकी सीटें कांग्रेस, माले, सीपीएम और सीपीआई जैसे सहयोगी दलों के बीच सम्मानपूर्वक बांटी जानी चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा —
“कांग्रेस देश की सबसे पुरानी और बड़ी पार्टी है। सीमांचल और कोशी इलाकों में कांग्रेस का मजबूत जनाधार है, इसलिए यहां कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए।”
गठबंधन धर्म निभाने की अपील:
पप्पू यादव ने राजद नेतृत्व से आग्रह किया कि वह “गठबंधन धर्म” का पालन करें और ऐसी स्थिति न बनने दें जिससे विपक्षी एकता कमजोर दिखे।
उन्होंने कहा —
“अगर राजद खुद को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मानता है, तो उसे बड़ा दिल दिखाना होगा।
महागठबंधन का मकसद एनडीए को हराना है, न कि अपने ही साथियों से प्रतिस्पर्धा करना।”
सीट बंटवारे पर बढ़ी सियासी हलचल:
बिहार में महागठबंधन के प्रमुख घटक —
राजद, कांग्रेस, माले, सीपीएम और सीपीआई — के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है।
सूत्रों के अनुसार, राजद 100 से अधिक सीटें चाहती है, जबकि कांग्रेस कम से कम 55 सीटों की मांग कर रही है।
पप्पू यादव ने इस पर कहा —
“राजद को 48 घंटे के भीतर जनता के सामने स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि गठबंधन में एकता है और सभी दलों का सम्मान किया जाएगा।”
एनडीए पर हमला:
सांसद पप्पू यादव ने कहा कि एनडीए (भाजपा-जदयू गठबंधन) में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
“एनडीए में मांझी और कुशवाहा जैसे नेताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
जदयू में भी नीतीश कुमार के बेटे की एंट्री को लेकर भाजपा असहज है।”
उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में महागठबंधन को जनता के सामने विकल्प के रूप में मजबूती से पेश होना चाहिए।
सीमांचल और कोशी का संदर्भ:
पप्पू यादव ने विशेष रूप से कहा कि सीमांचल और कोशी क्षेत्र में कांग्रेस का मजबूत आधार है।
इन इलाकों में पिछले चुनावों में कांग्रेस को अच्छी सफलता मिली थी, इसलिए यहां उसे “ज्यादा से ज्यादा सीटें” मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में गरीब, दलित और अल्पसंख्यक वर्गों की आवाज़ को महागठबंधन के जरिए बुलंद किया जाएगा।
महागठबंधन की एकता पर विश्वास:
“महागठबंधन एक है, मजबूत है और बिहार के गरीबों, किसानों और मजदूरों के लिए लड़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में राहुल गांधी के नेतृत्व में महागठबंधन बेरोजगारी, पलायन और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर चुनाव लड़ेगा।
कार्यक्रम में मौजूद नेता:
कार्यक्रम के दौरान कई स्थानीय नेता और कार्यकर्ता भी उपस्थित थे, जिनमें शामिल थे —
राजेश यादव (प्रवक्ता), इस्राइल आजाद, मो. शाहनवाज (श्रीनगर प्रमुख), हजारी मेहता, मो. दुल्हा, करन यादव, नितेश गुप्ता, ललन यादव और अभिषेक आनंद।
विश्लेषण: राजनीतिक संदेश और संतुलन की रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पप्पू यादव का यह बयान सिर्फ सीट बंटवारे का सुझाव नहीं, बल्कि राजद को राजनीतिक संकेत है —
कि अगर गठबंधन में सम्मान और सहयोग का माहौल नहीं होगा, तो अंदरूनी असंतोष बढ़ सकता है।
प्रो. दिलीप मिश्रा (राजनीतिक विश्लेषक) के अनुसार,
“पप्पू यादव सीमांचल और कोशी में महागठबंधन की एकजुटता बनाए रखने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उनका बयान राजनीतिक रूप से संतुलन का संकेत है।”
निष्कर्ष:
बिहार में सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन के अंदर मतभेद भले हों, लेकिन पप्पू यादव के बयान ने संवाद और समन्वय की दिशा में नया संदेश दिया है।
अब सबकी निगाहें राजद नेतृत्व पर हैं कि वह “बड़ा दिल दिखाकर गठबंधन की एकता को कैसे बनाए रखता है।”
संदर्भ स्रोत:
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[PTI / भाषा रिपोर्ट – पूर्णिया, 9 अक्टूबर]