
हरियाणा में आईपीएस वाई पूरण कुमार की आत्महत्या से सियासी भूचाल — डीजीपी छुट्टी पर, विपक्ष हमलावर
रिपोर्टर: सीमांच लाइव ब्यूरो
स्थान: चंडीगढ़ / गुरुग्राम
तारीख: 14 अक्टूबर 2025
घटना का सारांश
हरियाणा में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की कथित आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है।
विपक्ष के लगातार दबाव और परिवार की कार्रवाई की मांग के बाद
राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली ने पुष्टि करते हुए कहा
“हां, सरकार ने डीजीपी को छुट्टी पर भेज दिया है।”
मामले की पृष्ठभूमि
वाई पूरण कुमार (IPS 2008 बैच) का शव बीते सप्ताह गुरुग्राम के एक सरकारी गेस्ट हाउस में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था।
घटना स्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ,
लेकिन प्रारंभिक जांच में मानसिक दबाव और विभागीय तनाव की बात सामने आई थी।
परिवार ने इस मामले में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था
और मामले की CBI जांच की मांग की थी।
सरकार की प्रतिक्रिया
हरियाणा सरकार ने कहा कि
“मामले की निष्पक्ष जांच के लिए डीजीपी को छुट्टी पर भेजा गया है,
ताकि किसी भी स्तर पर जांच प्रक्रिया प्रभावित न हो।”
सूत्रों के अनुसार,
डीजीपी शत्रुजीत कपूर के स्थान पर
अंतरिम कार्यभार किसी वरिष्ठ एडीजीपी को सौंपा गया है।
विपक्ष का हमला
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस घटना को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस प्रवक्ता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा
“यह केवल एक प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि स्वीकारोक्ति है कि राज्य पुलिस सिस्टम में गंभीर खामियां हैं।
एक ईमानदार अधिकारी को सिस्टम ने तोड़ दिया।”
आम आदमी पार्टी के राज्य प्रमुख अनुराग ढांडा ने कहा
“भाजपा सरकार ने सिर्फ DGP को छुट्टी पर भेजकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है।
असली जांच तब होगी जब आरोपी अधिकारियों पर FIR दर्ज होगी।”
जांच और अगला कदम
सरकार ने इस मामले की जांच के लिए
विशेष जांच दल (SIT) गठित करने पर विचार शुरू कर दिया है।
परिवार की मांग है कि यह जांच
CBI या किसी निष्पक्ष केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाए।
वरिष्ठ प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक
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गृह विभाग ने पूरी घटना की रिपोर्ट मांगी है
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और डीजीपी कार्यालय से संबंधित फाइलों की जांच जारी है।
सिस्टम पर सवाल
आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या ने
पुलिस बल में कार्य संस्कृति और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी प्रमोद चौहान ने कहा
“अधिकारियों पर अत्यधिक दबाव, ट्रांसफर-पोस्टिंग की राजनीति और अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकियों के कारण
पुलिस बल में मानसिक तनाव बढ़ रहा है।
यह सिर्फ एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी है।”
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर #JusticeForIPS और #HaryanaDGP ट्रेंड कर रहे हैं।
कई लोगों ने सरकार से पारदर्शी जांच की मांग की है,
जबकि कुछ ने इस कदम को “पहला सही निर्णय, लेकिन देर से लिया गया” बताया है।