समस्तीपुर (बिहार):
बिहार की सियासत में शुक्रवार का दिन एक बड़ा प्रतीकात्मक मोड़ साबित हुआ।
एनडीए की समस्तीपुर रैली में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने राजनीतिक हलचल के बीच
गठबंधन की एकजुटता की नई तस्वीर पेश कर दी।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया,
और दोनों के बीच मुस्कुराहट भरी बातचीत ने माहौल को गर्मजोशी से भर दिया।
यह दृश्य केवल शिष्टाचार नहीं था,
बल्कि 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले
एनडीए के भीतर संबंधों में आए बदलाव का स्पष्ट संकेत भी था।
चिराग पासवान ने मंच पर झुककर छुए नीतीश कुमार के पैर
समस्तीपुर के गांधी मैदान में आयोजित इस भव्य एनडीए रैली में
पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम नीतीश कुमार,
और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान एक ही मंच पर मौजूद थे।
जैसे ही चिराग मंच पर पहुंचे,
उन्होंने आगे बढ़कर नीतीश कुमार के पैर छू लिए।
नीतीश कुमार ने मुस्कुराते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया,
और दोनों नेताओं ने कुछ पल बातचीत भी की।
इस दौरान भीड़ में मौजूद समर्थकों ने “NDA Zindabad” और “Modi-Nitish-Chirag” के नारे लगाने शुरू कर दिए।
पीएम मोदी ने रोका चिराग का भाषण
इस रैली का दूसरा दिलचस्प पल तब आया
जब मंच संचालक ने चिराग पासवान को संबोधन के लिए आमंत्रित किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,
पीएम नरेंद्र मोदी ने उस वक्त नीतीश कुमार की ओर इशारा किया,
और संकेत दिया कि वे पहले बोलें।
इसके बाद नीतीश कुमार पोडियम की ओर बढ़ गए,
जबकि चिराग अपनी सीट पर बैठे रहे।
बाद में आयोजकों ने बताया कि
चिराग पासवान का गला बैठा हुआ था,
इसलिए उन्होंने भाषण नहीं दिया।
हालांकि, कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है
कि यह राजनीतिक प्रोटोकॉल का संकेत था,
जिससे मंच पर सीएम और पीएम की प्राथमिकता झलकी।
चिराग-नीतीश की मुस्कुराहट ने भेजा बड़ा सियासी संदेश
एनडीए की यह रैली ऐसे समय में हुई
जब कुछ महीने पहले तक चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच
राजनीतिक मतभेद और तीखे बयानबाज़ी आम बात थी।
2020 के विधानसभा चुनाव में
एलजेपी (रामविलास) ने जेडीयू की सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारकर
नीतीश कुमार को बड़ा झटका दिया था।
तब दोनों दलों के रिश्ते कड़वाहट भरे माने जाते थे।
लेकिन अब मंच पर चिराग और नीतीश की गर्मजोशी भरी मुलाकात
इस बात का संकेत है कि
एनडीए चुनाव से पहले एकजुटता का मजबूत संदेश देना चाहता है।
एनडीए में एकजुटता का नया अध्याय
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि
समस्तीपुर की इस रैली में दिखा दृश्य
“NDA 2025 Mission” के तहत एकजुटता और तालमेल को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा था।
डॉ. संजय पांडेय, राजनीतिक विश्लेषक, कहते हैं —
“नीतीश और चिराग की यह मुलाकात केवल सॉफ्ट पॉलिटिक्स नहीं,
बल्कि एक संदेश देने की कवायद है कि NDA अब पूरी तरह एक है।”
यह भी माना जा रहा है कि
पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से चिराग और नीतीश के बीच मतभेद खत्म करवाने में भूमिका निभाई है।
रैली का माहौल: एनडीए के भीतर ‘नई ऊर्जा’
समस्तीपुर की रैली में
एनडीए नेताओं ने विकास, रोजगार और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर
जनता को भरोसा दिलाया कि
“डबल इंजन सरकार” ही बिहार को आगे ले जा सकती है।
भाषण के दौरान
पीएम मोदी ने कहा —
“नीतीश जी और चिराग जी दोनों बिहार के विकास के लिए एक ही दिशा में काम कर रहे हैं।”
इस बयान के साथ ही
रैली स्थल पर “Modi-Modi” और “NDA Phir Se Sarkar” के नारे गूंज उठे।
2020 से अब तक का सफर: विरोध से एकता तक
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2020: चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारे, नीतीश से टकराव चरम पर।
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2021–22: चिराग ने नीतीश सरकार की आलोचना जारी रखी।
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2023: एनडीए पुनर्गठन के बाद दोनों नेताओं के बीच संवाद बढ़ा।
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2025: मंच पर साथ आकर नई एकजुटता का प्रदर्शन।
यह बदलाव केवल राजनीतिक मजबूरी नहीं,
बल्कि 2025 के चुनाव से पहले “सेल्फ-रिब्रांडिंग” की रणनीति भी मानी जा रही है।
क्या NDA को मिलेगा फायदा?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि
इस तरह की सार्वजनिक एकजुटता से
NDA को “विश्वसनीय गठबंधन” की छवि बनाने में मदद मिलेगी।
प्रो. हेमंत चौधरी, चुनाव विश्लेषक, कहते हैं —
“बिहार के मतदाताओं के लिए प्रतीकात्मक संकेत बहुत मायने रखते हैं।
चिराग का नीतीश के पैर छूना
‘सम्मान और स्वीकार्यता’ का संदेश है,
जो NDA के भीतर स्थिरता दिखाता है।”
FAQs: चिराग पासवान और नीतीश कुमार की मुलाकात पर सवाल-जवाब
Q1. चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के पैर क्यों छुए?
👉 उन्होंने मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आशीर्वाद लिया — इसे राजनीतिक सौहार्द का प्रतीक माना जा रहा है।
Q2. क्या चिराग ने रैली में भाषण दिया?
👉 नहीं, उनका गला बैठा था, और समय की कमी के कारण उन्हें मंच से बोलने का अवसर नहीं मिला।
Q3. क्या पीएम मोदी ने चिराग को रोका?
👉 सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने नीतीश कुमार को पहले बोलने का संकेत दिया था।
Q4. क्या यह NDA में नई एकजुटता का संकेत है?
👉 हाँ, रैली में दिखा यह दृश्य गठबंधन की मजबूती और तालमेल का संदेश देता है।
Q5. 2020 में चिराग और नीतीश के रिश्ते कैसे थे?
👉 2020 में LJP(R) ने जेडीयू के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिससे मतभेद पैदा हुए थे।
Q6. क्या एनडीए को इससे चुनावी फायदा मिलेगा?
👉 राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, इससे NDA को सकारात्मक छवि और स्थिरता का लाभ मिलेगा।
🗳️ निष्कर्ष
समस्तीपुर की एनडीए रैली ने बिहार की राजनीति में
“विरोध से विश्वास” की नई कहानी लिख दी है।
चिराग पासवान द्वारा नीतीश कुमार के पैर छूना
सिर्फ एक सांस्कृतिक इशारा नहीं,
बल्कि राजनीतिक एकता का प्रतीक भी बन गया है।
चुनाव से पहले NDA की यह तस्वीर
विपक्षी महागठबंधन के लिए चुनौती और
जनता के लिए एकजुट नेतृत्व की झलक पेश करती है।



