चक्रवात मोंथा से तबाही: राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया
नई दिल्ली:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने शनिवार को आंध्र प्रदेश में आए चक्रवात मोंथा (Cyclone Montha) से हुई तबाही पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा ने राज्य के कई जिलों में भारी जन-धन की हानि की है और केंद्र सरकार को तत्काल राहत एवं पुनर्वास कार्यों में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा —
“आंध्र प्रदेश में चक्रवात मोंथा से हुई तबाही ने कई जिलों में भारी कठिनाई पैदा की है।
मेरी संवेदनाएँ उन सभी परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजन, घर और आजीविका खो दी है।
मैं राज्य और केंद्र सरकार से आग्रह करता हूँ कि वे तत्काल राहत और पुनर्वास कार्यों को गति दें।”
कांग्रेस नेता ने की त्वरित सहायता की मांग
राहुल गांधी ने आगे कहा कि प्राकृतिक आपदाएँ किसी की राजनीतिक विचारधारा नहीं देखतीं —
“यह समय राजनीति का नहीं, बल्कि एकजुट होकर प्रभावित लोगों की मदद करने का है। केंद्र को राज्य सरकार के साथ मिलकर तेज़ी से काम करना चाहिए ताकि पीड़ितों को राहत मिल सके।”
उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवी संगठनों से भी अपील की कि वे राहत शिविरों में सक्रिय रूप से भाग लें और ज़रूरतमंदों की मदद करें।
चक्रवात मोंथा: भारी नुकसान और तबाही
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात मोंथा ने आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों — विशेष रूप से नेल्लोर, बापटला, गुंटूर और प्रकाशम जिलों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं के साथ कहर बरपाया।
कई गाँव जलमग्न हो गए हैं, सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक दर्जनों घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और सैकड़ों लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।
राज्य प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में भेज दिया है।
राज्य सरकार ने जारी की आपात चेतावनी
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने उच्चस्तरीय बैठक कर स्थिति की समीक्षा की।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी जिलों में राहत कार्यों की निगरानी 24 घंटे की जाए और पीड़ितों को आवश्यक सहायता जैसे भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधा तत्काल उपलब्ध कराई जाए।
राज्य सरकार ने केंद्र से अंतरिम राहत राशि जारी करने की मांग की है ताकि नुकसान का आकलन और पुनर्वास का कार्य जल्द शुरू हो सके।
केंद्र सरकार की प्रारंभिक प्रतिक्रिया
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थिति की समीक्षा शुरू कर दी है और कहा है कि प्रभावित राज्यों को सभी संभव सहायता दी जाएगी।
गृह मंत्री कार्यालय के अनुसार, एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें भेजने पर विचार किया जा रहा है।
केंद्र ने मौसम विभाग से कहा है कि अगले 48 घंटों के भीतर किसी और संभावित चक्रवातीय सक्रियता पर नज़र रखी जाए।
मानवीय संवेदनशीलता पर ज़ोर
राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में इस आपदा को “राष्ट्रीय मानवीय संकट” बताया और कहा कि
“यह सिर्फ आंध्र प्रदेश की नहीं, बल्कि पूरे देश की जिम्मेदारी है कि हम प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हों।”
उन्होंने कहा कि जब देश एकजुट होकर मदद करता है, तभी राहत कार्यों का असली असर दिखता है।
कांग्रेस की राहत पहल
कांग्रेस पार्टी ने आंध्र प्रदेश प्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) को निर्देश दिया है कि वह
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सभी जिलों में राहत वितरण केंद्र स्थापित करे,
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चिकित्सा सहायता और भोजन वितरण की व्यवस्था करे,
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और प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजा सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करे।
FAQs:
1. चक्रवात मोंथा क्या है?
चक्रवात मोंथा बंगाल की खाड़ी से उठा एक उष्णकटिबंधीय तूफान है, जिसने आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है।
2. कौन से जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं?
नेल्लोर, गुंटूर, बापटला और प्रकाशम जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं।
3. राहुल गांधी ने क्या कहा?
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से तत्काल राहत और पुनर्वास कार्यों को तेज करने की अपील की।
4. क्या केंद्र सरकार ने सहायता भेजी है?
हाँ, एनडीआरएफ की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में भेजी गई हैं और स्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है।
5. क्या पीड़ितों के लिए कोई राहत फंड जारी हुआ है?
राज्य सरकार ने केंद्र से अंतरिम राहत राशि की मांग की है, जिस पर जल्द फैसला संभव है।
6. क्या कांग्रेस कार्यकर्ता राहत कार्यों में शामिल हैं?
हाँ, राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय रहने की अपील की है।
🔗 External Reference:
भारतीय मौसम विभाग (IMD) आधिकारिक वेबसाइट
✅ Desk: Seemanchal Live
🕒 Updated On: 2 नवंबर 2025
📍 Location: नई दिल्ली



