Home खास खबर विश्लेषकों की राय: ‘निरंतर’ नीतीश कुमार – क्यों बिहार की राजनीति में अब भी सबसे मज़बूत और अपरिहार्य नेता?

विश्लेषकों की राय: ‘निरंतर’ नीतीश कुमार – क्यों बिहार की राजनीति में अब भी सबसे मज़बूत और अपरिहार्य नेता?

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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद एक बात और स्पष्ट हो गई है—नीतीश कुमार का प्रभाव और नेतृत्व अभी भी राज्य की राजनीति में सबसे निर्णायक है।
राजनीतिक विश्लेषकों ने उन्हें एक बार फिर ‘‘अपरिहार्य नेता’’ बताया है, खासकर इसलिए कि दसवीं बार मुख्यमंत्री बनकर उन्होंने अपनी पकड़ को फिर सिद्ध किया है।

क्यों कहा जा रहा है—‘निरंतर नीतीश’?

विश्लेषकों के अनुसार, नीतीश कुमार की सबसे बड़ी ताकत है:

✔ बदलावों के बीच संतुलन

बिहार की राजनीति में लगातार बदलते समीकरणों के बावजूद वह हमेशा केंद्र में बने रहे।

✔ प्रशासनिक अनुभव

20+ वर्षों का शासन अनुभव उन्हें “स्थिर चेहरा” बनाता है।

✔ गठबंधन राजनीति की समझ

बिहार में NDA, JDU, भाजपा, RJD—हर मोर्चे पर नीतीश ने हमेशा सही समय पर सही राजनीतिक कदम उठाए।

✔ जनता के बीच स्वीकार्यता

शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सुधार का श्रेय उन्हें जाता है।

चुनाव नतीजों में उनका प्रभाव फिर साबित

NDA को मिली बड़ी जीत का बड़ा कारण माना जा रहा है:

  • महिला वोटरों का पुनः NDA की ओर झुकाव

  • विकास योजनाओं की निरंतरता

  • जदयू–भाजपा गठबंधन की रणनीति

  • नीतीश कुमार की “साफ-सुथरी छवि”

हालाँकि मुकाबला कड़ा था, लेकिन नीतीश फिर भी जनता का भरोसा जीतने में सफल रहे।

आगे की राजनीति: नीतीश की भूमिका और बड़ी होने वाली है

विशेषज्ञों का कहना है कि बीजेपी और जदयू की संयुक्त रणनीति में नीतीश कुमार:

  • नीति निर्धारण में केंद्रीय भूमिका निभाएंगे

  • जातीय समीकरणों को संतुलित करेंगे

  • विपक्ष की राजनीति को चुनौती देंगे

  • नई सामाजिक योजनाओं में नेतृत्व करेंगे

कुछ विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले वर्षों में वे राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

विश्लेषकों का उद्धरण

एक प्रमुख राजनीतिक विश्लेषक ने कहा:

“बिहार में कोई भी राजनीतिक समीकरण तब तक पूरा नहीं होता जब तक उसमें नीतीश कुमार का अध्याय शामिल न हो।”

दूसरे विशेषज्ञ ने कहा:

“उनका प्रशासनिक अनुभव और चुनावी समझ उन्हें बिहार का सबसे प्रभावशाली नेता बनाते हैं।”

निष्कर्ष

बिहार चुनाव 2025 ने एक बार फिर साबित किया कि नीतीश कुमार अभी भी राज्य के सबसे निरंतर, स्थिर और लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं।
भले ही गठबंधन बदले हों, लेकिन उनका प्रभाव और नेतृत्व क्षमता आज भी बिहार की राजनीति का केंद्र है।

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