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अनुबंध कर्मियों के हक के लिए जारी रहेगा संघर्ष: मिन्नत रहमानी

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सुपौल। कांग्रेस नेता मिन्नत रहमानी ने शनिवार को मरौना प्रखंड इलाके में अपनी जन आभार यात्रा के दौरान क्षेत्रवासियों से मुलाकात की और जनता द्वारा दिए गए प्यार व समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि चुनावी मैदान में हारने के बावजूद वे जनता के साथ किए गए वादों और उनके मुद्दों के लिए पहले की तरह संघर्ष करते रहेंगे।


जन आभार यात्रा के दौरान रहमानी का संबोधन

यात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें जिस स्नेह और विश्वास के साथ समर्थन दिया, वह अत्यंत प्रेरणादायक है।

चुनाव हार के बाद भी जनता के प्रति आभार

रहमानी ने कहा:
“भले ही मैं चुनाव हार गया, लेकिन लोगों ने जो प्यार दिया है, उसके लिए जीवनभर आभारी रहूंगा।”


विधानसभा चुनाव में किए गए वादों की याद दिलाई

उन्होंने याद दिलाया कि चुनाव से पहले उन्होंने कई महत्वपूर्ण वादे किए थे, खासकर अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों को लेकर।

अनुबंध कर्मियों को स्थायी करने का मुद्दा

रहमानी ने कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती तो:

  • अनुबंध कर्मियों को स्थायी किया जाता

  • मानदेय में बढ़ोतरी की जाती

  • संविदा कर्मियों की कार्य स्थितियों में सुधार होता


विभिन्न कर्मियों के मानदेय बढ़ाने के वादे पर जोर

उन्होंने उन सभी वर्गों का उल्लेख किया जिनके लिए वे आवाज उठाते रहे हैं।

आशा, सेविका, रसोइया तक की सूची

रहमानी ने जिन कर्मियों के लिए लड़ाई जारी रखने की बात कही:

  • डेटा ऑपरेटर

  • नर्सिंग स्टाफ

  • टोला सेवक

  • तालीमी मरकज कर्मी

  • आशा दीदी

  • आंगनबाड़ी सेविका

  • ममता दीदी

  • रसोइया बहनें

उन्होंने कहा कि ये सभी कर्मचारी सरकार की रीढ़ हैं और इन्हें सम्मानजनक मानदेय मिलना चाहिए।


महागठबंधन सरकार न बनने का असर

रहमानी ने कहा कि उनकी सरकार नहीं बन सकी, जिससे कई योजनाएँ और वादे अधूरे रह गए।

अधूरे वादों पर चिंता

उन्होंने कहा कि सत्ता न आने से:

  • अनुबंध कर्मियों को लाभ नहीं मिल सका

  • कई योजनाएँ अधर में रह गईं

  • क्षेत्रीय विकास की गति प्रभावित हुई


अब भी जारी रहेगा अनुबंध कर्मियों के हक़ की लड़ाई

रहमानी ने दोहराया कि चुनाव हारने के बावजूद उनकी प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आएगी।

रहमानी का दृढ़ संकल्प

उन्होंने कहा:
“हम अनुबंध कर्मियों, आशा दीदी, सेविका, ममता दीदी और सभी कर्मचारी साथियों के हक़ के लिए सड़क से सदन तक लड़ाई जारी रखेंगे।”


पंचायत प्रतिनिधियों को पेंशन देने की मांग

उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों और ग्राम कचहरी के सदस्यों को पेंशन का लाभ देने की वकालत की।

ग्राम कचहरी सदस्यों का मुद्दा

उन्होंने कहा कि ये लोग ग्रामीण शासन में अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए इन्हें मजबूत बनाया जाना चाहिए।


कोसी प्राधिकार को पुनः चालू करने की अपील

रहमानी ने कहा कि कोसी प्राधिकार को दोबारा सक्रिय करना आवश्यक है।

कोसी क्षेत्र के पीड़ितों के लिए राहत

कोसी क्षेत्र में हर साल बाढ़ और क्षति होने के कारण यह प्राधिकार जरूरतमंद लोगों के लिए मददगार साबित होगा।


क्षेत्रवासियों की प्रतिक्रिया

जनता ने रहमानी के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया और कई लोगों ने उनके संघर्ष को मजबूती देने की बात कही।


FAQs — अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1: मिन्नत रहमानी की जन आभार यात्रा कहाँ हुई?
मरौना प्रखंड इलाके में।

Q2: उन्होंने किन कर्मियों की समस्याएँ उठाईं?
आशा दीदी, सेविका, डेटा ऑपरेटर, नर्सिंग स्टाफ, रसोइया समेत कई अनुबंध कर्मियों की।

Q3: क्या उन्होंने वादे पूरे किए?
सरकार न बनने के कारण कार्यान्वयन नहीं हो सका।

Q4: क्या वे संघर्ष जारी रखेंगे?
हाँ, उन्होंने यही कहा।

Q5: क्या उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों के लिए भी मांग की?
हाँ, पेंशन लाभ देने की मांग की।

Q6: कोसी प्राधिकार पुनः चालू करने की क्या वजह बताई?
कोसी क्षेत्र के पीड़ितों को राहत देने के लिए।


निष्कर्ष

कांग्रेस नेता मिन्नत रहमानी ने स्पष्ट किया कि चुनाव परिणाम चाहे जो हों, लेकिन वह अनुबंध कर्मियों, पंचायत प्रतिनिधियों और कोसी क्षेत्र के लोगों के मुद्दों पर संघर्ष जारी रखेंगे। जनता के प्रति उनका आभार और वादों को पूरा करने की प्रतिबद्धता उन्हें क्षेत्र में लोकप्रिय बनाती है।

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