Home खास खबर राम मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी के ध्वजारोहण समारोह के लिए अयोध्या तैयार, श्रद्धा और उत्साह से भरी पूरी नगरी

राम मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी के ध्वजारोहण समारोह के लिए अयोध्या तैयार, श्रद्धा और उत्साह से भरी पूरी नगरी

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अयोध्या, उत्तर प्रदेश | 25 नवंबर
अयोध्या मंगलवार सुबह आध्यात्मिक उत्साह, भक्ति और उल्लास से सराबोर दिखाई दी। राम मंदिर निर्माण के औपचारिक समापन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ध्वजारोहण के ऐतिहासिक समारोह से पहले पूरी नगरी ‘जय श्री राम’ के नारों से गूंज उठी। मंदिर परिसर, सरयू घाटों और अयोध्या की गलियों में साधु-संतों और श्रद्धालुओं का विशाल जमावड़ा लगा रहा।


सुबह से ही उमड़ी भीड़, अयोध्या में भक्ति का सैलाब

भोर होते ही मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना की शुरुआत हो गई।
रायबरेली के डलमऊ से आए स्वामी नरोत्तमानंद गिरि ने कहा—

“यह अत्यंत सौभाग्य का दिन है। यह क्षण घोर तपस्या के बाद आया है, और ध्वजारोहण में शामिल होना मेरे लिए जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है।”

95 वर्षीय संत देवेंद्रानंद गिरि, जो राम मंदिर आंदोलन के शुरुआती दौर से जुड़े रहे हैं, भावुक दिखाई दिए। उन्होंने कहा—

“मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने जीवन में यह दिन देख पाऊँगा। मंदिर का पूरा होना मेरे लिए जन्म-जन्मांतर का पुण्य है।”


पूरे शहर में अनुष्ठानों की गूंज

चार दिनों से मंदिर परिसर में सतत अनुष्ठान चल रहे हैं।
पुजारी बजरंग पांडे ने बताया—

“यज्ञ का समापन चरण चल रहा है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद यज्ञ पुनः शुरू होगा।”

देशभर से आए विद्वान, वैदिक विशेषज्ञ और स्थानीय पुजारी अनुष्ठानों में शामिल हैं।


प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम

राम मंदिर ट्रस्ट के आमंत्रित सदस्य गोपाल राव ने बताया कि समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे।

प्रधानमंत्री की समय-सारिणी:

  • सुबह 10 बजे: अयोध्या मंदिर परिसर में प्रवेश

  • 10–11 बजे: सप्तमंदिर, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा, शबरी और शेषावतार मंदिरों में दर्शन

  • 11 बजे: माता अन्नपूर्णा मंदिर के दर्शन

  • 11:30 बजे: राम दरबार गर्भगृह में पूजा

  • 12 बजे: रामजन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण

  • 1:30 बजे: कार्यक्रम समापन


ऐतिहासिक ध्वजारोहण — 500 वर्षों की प्रतीक्षा का क्षण

प्रधानमंत्री दोपहर 12 बजे मंदिर के शिखर पर 10 फुट ऊँचा और 20 फुट लंबा समकोण त्रिभुजाकार भगवा ध्वज फहराएंगे।
ध्वज पर—

  • भगवान श्रीराम की वीरता का प्रतीक चमकता सूर्य,

  • कोविदारा पेड़ का चिन्ह,

  • और ‘ॐ’ का पवित्र अक्षर अंकित है।

यह ध्वज रामराज्य के आदर्श—धर्म, न्याय, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता—का प्रतीक माना जा रहा है।


अयोध्या में कड़ी सुरक्षा—6,970 पुलिस और स्पेशल फ़ोर्स तैनात

अधिकारियों के अनुसार शहर को अभेद्य किले में बदल दिया गया है:

  • ATS कमांडो

  • NSG स्नाइपर्स

  • साइबर विशेषज्ञ

  • 6,970 सुरक्षा कर्मी

  • ड्रोन-विरोधी सिस्टम

  • एडवांस निगरानी तकनीक

सभी प्रवेश बिंदुओं पर वाहनों की गहन जांच की जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को ही मौके पर पहुंच गए और तैयारियों का निरीक्षण किया।


श्रद्धालुओं में अपार उत्साह

एक बुजुर्ग श्रद्धालु ने कहा—

“यह क्षण 500 वर्षों के बाद आया है। हमारे पूर्वजों ने इस दिन का इंतजार किया और बलिदान दिया। हम इसे देखने के लिए धन्य हैं।”

पूरी अयोध्या दिवाली की तरह रोशन हो उठी है, और मंदिर में शाम से आम जनता के दर्शन पुनः शुरू हो सकते हैं।


निष्कर्ष

राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का स्वर्णिम क्षण है।
अयोध्या में यह उत्सव इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण पलों में से एक के रूप में दर्ज हो रहा है

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