जोहानिसबर्ग | 23 नवंबर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के बीच रविवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद भारत और इटली ने आतंकवाद के वित्तपोषण (Terror Financing) के खिलाफ मिलकर काम करने के लिए एक संयुक्त पहल (Joint Initiative) की घोषणा की है। यह सहयोग वैश्विक आतंकी नेटवर्क, मनी लॉन्ड्रिंग और सीमा-पार आतंकवाद के खतरे से निपटने को लेकर एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
बैठक में क्या-क्या तय हुआ?
मोदी और मेलोनी की बैठक G20 और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर केंद्रित रही। दोनों नेताओं ने आतंकवाद को मानवता के लिए “साझा खतरा” बताया और इसके वित्तीय स्रोतों को रोकने पर ज़ोर दिया।
बैठक के प्रमुख बिंदु:
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आतंकवाद की फंडिंग रोकने के लिए इंटेलिजेंस शेयरिंग
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ऑनलाइन फंडिंग, क्रिप्टो ट्रांजैक्शन और हवाला नेटवर्क पर संयुक्त निगरानी तंत्र
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अंतरराष्ट्रीय मंचों पर संयुक्त प्रस्तावों को आगे बढ़ाना
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रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा
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हिंद–प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिए सामरिक साझेदारी
क्यों महत्वपूर्ण है भारत–इटली की यह पहल?
इटली यूरोपीय संघ का महत्वपूर्ण सदस्य है, जबकि भारत G20 और वैश्विक दक्षिण का मजबूत प्रतिनिधि है।
दोनों का मिलकर काम करना:
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यूरोप और एशिया में आतंकवादी नेटवर्क पर प्रभाव बढ़ाएगा
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क्रॉस-बॉर्डर आतंकी फंडिंग को रोकने में मदद करेगा
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अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में भारत की नेतृत्व भूमिका को मजबूत करेगा
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इटली की सुरक्षा नीति को दक्षिण एशिया में नई दिशा देगा
नेताओं के बयान
भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:
“आतंकवाद और इसके वित्तपोषण के खिलाफ लड़ाई एक वैश्विक जिम्मेदारी है। भारत और इटली का सहयोग हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
इतालवी पीएम जियोर्जिया मेलोनी ने कहा:
“इटली भारत के साथ मिलकर आतंकवाद के वित्तपोषण को खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।”
आर्थिक और रक्षा सहयोग पर भी चर्चा
बैठक में दोनों देशों ने यह भी चर्चा की:
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रक्षा उत्पादन और टेक्नोलॉजी साझेदारी
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5G/6G सुरक्षा समाधान
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मेडिटेरेनियन और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्यापार मार्ग सुरक्षा
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भारतीय कंपनियों के लिए इटली में निवेश अवसर
निष्कर्ष
भारत और इटली की यह संयुक्त पहल दोनों देशों के रणनीतिक रिश्तों में एक नया अध्याय है।
दुनिया भर में बढ़ते आतंकी नेटवर्क और फंडिंग के बीच यह कदम वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा।
इस बैठक ने साबित किया कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई में एकमत हैं।



