पथनमथिट्टा (केरल):
केरल में चल रही शबरिमला तीर्थयात्रा के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थापित मजबूत और आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था ने एक बार फिर अपनी अहमियत साबित की है। अधिकारियों के अनुसार, यात्रा के दौरान हृदयाघात (हार्ट अटैक) से पीड़ित 81 श्रद्धालुओं की जान समय पर इलाज से बचाई गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने शबरिमला यात्रा मार्ग और मंदिर परिसर के आसपास 24 घंटे संचालित अत्याधुनिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए हैं। इन केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों, प्रशिक्षित नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और आपातकालीन चिकित्सा उपकरणों की तैनाती की गई है।
समय पर इलाज बना जीवनरक्षक
अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु कठिन पैदल यात्रा, ठंड और शारीरिक थकान के कारण हृदय संबंधी समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। ऐसे मामलों में गोल्डन आवर के भीतर इलाज उपलब्ध कराए जाने से कई लोगों की जान बच सकी।
स्वास्थ्य केंद्रों में ईसीजी मशीन, डिफिब्रिलेटर, ऑक्सीजन सपोर्ट, एम्बुलेंस सेवा और त्वरित रेफरल सिस्टम की व्यवस्था की गई है, जिससे मरीजों को तुरंत नजदीकी बड़े अस्पतालों तक पहुंचाया जा सका।
24×7 विशेषज्ञों की तैनाती
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यात्रा के पूरे मौसम में चिकित्सा सेवाएं चौबीसों घंटे उपलब्ध कराई जा रही हैं। डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मियों की शिफ्ट में तैनाती की गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।
श्रद्धालुओं और प्रशासन के लिए राहत
स्वास्थ्य सुविधाओं की इस प्रभावी व्यवस्था से न सिर्फ श्रद्धालुओं को राहत मिली है, बल्कि प्रशासन और मंदिर प्रबंधन के लिए भी यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी चिकित्सा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करें, पर्याप्त आराम करें और किसी भी परेशानी की स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।



