नई दिल्ली:
कांग्रेस पार्टी आज यानी रविवार, 14 दिसंबर को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में ‘वोट-चोर गद्दी छोड़’ के नारे के साथ एक भव्य महारैली करने जा रही है। रैली को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और राजधानी में सियासी माहौल गर्म हो गया है।
यह रैली दोपहर 12:30 बजे से शुरू होगी। कार्यक्रम के लिए दो बड़े मंच तैयार किए गए हैं, जहां कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व समेत देशभर से आए नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।
इन दिग्गज नेताओं का लगेगा जमावड़ा
रैली के मंच पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
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राहुल गांधी
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे
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सोनिया गांधी
के साथ कई अन्य वरिष्ठ नेता, प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मौजूद रहेंगे।
तैयारियों का लिया गया जायजा
दिल्ली कांग्रेस प्रभारी काजी निजामुद्दीन और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने देर रात रैली स्थल पर पहुंचकर तैयारियों का निरीक्षण किया। सुरक्षा, मंच व्यवस्था, बैठने की व्यवस्था और ट्रैफिक मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया गया है।
कांग्रेस का दावा – 5 करोड़ से ज्यादा हस्ताक्षर
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष अनिल भारद्वाज ने बताया कि
“वोट-चोर गद्दी छोड़ अभियान के तहत देशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, जिसमें 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर किए। दिल्ली से ही करीब चार लाख लोगों ने इस अभियान में भाग लिया।”
उन्होंने कहा कि यह महारैली उसी अभियान की कड़ी है, जिसके जरिए कांग्रेस देश को यह संदेश देना चाहती है कि लोकतंत्र और वोट की पवित्रता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
व्यवस्थाएं और सुरक्षा
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मंच के सामने वरिष्ठ नेताओं के बैठने की व्यवस्था
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पीछे आम जनता और कार्यकर्ताओं के लिए अलग स्थान
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रामलीला मैदान के चारों ओर भारी पुलिस बल तैनात
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पूरे इलाके में बैनर, पोस्टर और होर्डिंग लगाए गए
एक महीने से चल रही थीं तैयारियां
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बताया कि इस रैली की तैयारियां पिछले एक महीने से की जा रही थीं। सभी 14 जिला अध्यक्ष, 250 से अधिक ब्लॉक अध्यक्ष और हजारों कार्यकर्ता राजधानी में जुटे हुए हैं।
रामलीला मैदान का राजनीतिक महत्व
गौरतलब है कि रामलीला मैदान दिल्ली का एक ऐतिहासिक स्थल है, जहां समय-समय पर बड़ी राजनीतिक रैलियां होती रही हैं। कांग्रेस भी पिछले 2-3 वर्षों में यहां कई बड़ी सभाएं कर चुकी है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह रैली वोट-चोरी के आरोपों के खिलाफ एक मजबूत राजनीतिक संदेश देगी और आने वाले दिनों में इसका असर राष्ट्रीय राजनीति में दिखेगा।



