नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की तीन देशों की महत्वपूर्ण विदेश यात्रा पर रवाना हो गए। इन देशों के साथ भारत के न केवल ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं, बल्कि द्विपक्षीय रिश्ते भी मजबूत और बहुआयामी रहे हैं।
यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान जारी कर कहा कि उनकी यह यात्रा भारत के वैश्विक कूटनीतिक संबंधों को और सुदृढ़ करने की दिशा में अहम कदम होगी।
जॉर्डन से होगी यात्रा की शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“सबसे पहले, मैं महामहिम राजा अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन के निमंत्रण पर जॉर्डन की यात्रा करूंगा। यह यात्रा हमारे दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है।”
प्रधानमंत्री की यह यात्रा ऐतिहासिक मानी जा रही है, क्योंकि भारत और जॉर्डन के बीच लंबे समय से राजनीतिक, सांस्कृतिक और सुरक्षा सहयोग रहा है।
इथियोपिया और ओमान से रिश्तों को मिलेगा बल
प्रधानमंत्री मोदी इसके बाद इथियोपिया और ओमान का दौरा करेंगे। इन देशों के साथ भारत के संबंध व्यापार, ऊर्जा, प्रवासी भारतीयों और रणनीतिक सहयोग से जुड़े हुए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस यात्रा के दौरान:
-
व्यापार और निवेश पर चर्चा
-
ऊर्जा सहयोग को मजबूत करने
-
क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श
-
भारतीय प्रवासी समुदाय से संवाद
जैसे अहम विषयों पर बातचीत होने की संभावना है।
कूटनीतिक दृष्टि से अहम दौरा
यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब पश्चिम एशिया और अफ्रीका क्षेत्र वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री की यह विदेश यात्रा भारत की कूटनीतिक सक्रियता को दर्शाती है।
Key Highlights
-
प्रधानमंत्री मोदी तीन देशों की यात्रा पर रवाना
-
जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान का दौरा
-
जॉर्डन के साथ 75 साल के राजनयिक संबंध
-
व्यापार, ऊर्जा और रणनीतिक सहयोग पर फोकस
-
भारत की वैश्विक कूटनीति को मिलेगा नया आयाम



