
दीपों के त्योहार के उल्लास में डूबे लोग
दीपों का त्यौहार दीपावली के उल्लास में डूब गये है। धन संपदा और ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री देवी मां लक्ष्मी, भगवान श्रीगणेश की पूजा आराधना का ज्योति पर्व दिवाली की सारी तैयारी हो गयी है।
रविवार को इस पावन पर्व के मौके पर घरों, गली मुहल्लों को रौशन करने के लिए लोग शनिवार की देर रात तक बाजारों में खरीदारी करते रहे। खासकर कृत्रिम फूलों की भी जमकर बिक्री हुई। मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और मां काली की मूर्तियों के साथ-साथ डिबरी व दीये की भी लोगों ने खरीददारी की। इसके अलावे लोगों ने हुक्का-पाती, पटाखे, फल तथा मिठाईयां भी खरीदे। बल्ब और झालर की बिक्री अच्छी खासी हुई। शनिवार की देर शाम घरों से महिलाओं ने यम दीया निकाली।
दीवाली का महत्व : कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली पर्व मनाया जाता है। जिसमें धन संपदा घर में प्रवेश करने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा होती है।
घर पर आने वाली किसी भी तरह की मुसीबतों को दूर करने लिए विघ्नहर्ता श्रीगणेश की पूजा की जाती है। बुधवार को दीवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर लोग अपने अपने घरों से हुक्कापाती खेलते है।
यम दीप का है विशेष महत्व : दिवाली में यम दीप का विशेष महत्व है। शाम ढलने से पहले जलाये जाने वाले यम दीप का महत्व यह है कि घर में अकाल मृत्यु या किसी भी तरह की दुर्घटना नहीं घटे और पारिवारिक जीवन में हमेशा सुख शांतिपूर्ण और हर्षोल्लास बना रहे।
खूब बिके पटाखे : दीपावली में खुशी का इजहार करने के लोगों ने पटाखे पर खूब पैसा बहाए। हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में पटाखे की खरीद कम ही हुई है। कई जगह कार्यक्रम आयोजित कर पटाखे नहीं जलाने व हरित दिवाली मनाने का निर्णय लिया गया।
दिनभर होती रही खरीदारी: दिवाली पर्व को लेकर दिनभर लोग पूजन सामग्री सहित अन्य सामानों की लोग खरीदारी करते रहे। खरीदारों की भीड़ के कारण जाम की समस्या से लोगों को सामना करना पड़ा। हालांकि ट्रैफिक पुलिस जाम हटाने में मुस्तैद दिखी।