
माता-पिता की सेवा करना ही भगवान को पाना है: संत
मिडिल स्कूल छातापुर परिसर में कबीर विचार मंथ के सौजन्य से आयोजित तीन दिवसीय सत्संग समारोह के अंतिम दिन सोमवार को कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। वैशाली से आए संत रामशंकर साहेब जी ने जीवन के मूल को संत कबीर की पक्तियों द्वारा समझाते हुए कई उपयोगी बातें कहीं। मधेपुरा के असंग स्वरूप साहेब, रामस्वरूप साहेब, अयोधि साहेब, उपेन्द्र साहेब, साध्वी प्रमिला, डॉ. मधुराम साहेब, शैलेन्द्र साहेब, नारायण साहेब, प्रभाष साहेब, भूपस्वरूप साहेब आदि प्रबुद्ध संतों ने जीवन के अलग-अलग विषयों पर अपने विचार रखते हुए अपनी वाणी से मंत्रमुग्ध कर दिया। संतों ने प्रवचन के माध्यम से अमृत वाणी की वर्षा की। कहा कि समाज में छोटा-बड़ा, ऊंच-नीच के भेदभाव को समाप्त कर एक समरस समाज की स्थापना करना ही कबीर का मुख्य उद्देश्य था। संतों ने कहा कि माता पिता ही साक्षात भगवान होते हैं। अज्ञानता के अभाव में लोग भगवान को ढूंढने के लिए मंदिर-मंदिर, मस्जिद-मस्जिद भटकते रहते हैं। घर में रहने वाले माता-पिता की सेवा करना ही भगवान को पाना है। इस सच्चाई को जबतक लोग स्वीकार नहीं करेंगे तब तक उसे जीवन का असली सुख प्रात नहीं हो सकता। इसलिए ईश्वर को मानने वाले नहीं जानने वाले बड़े होते हैं। आयोजन को सफल बनाने में बैद्यनाथ दास, बेचन साहेब, निर्मल कुमार सुशील, रामलखन पासवान, राममूर्ति मुखिया, राजकिशोर साह, नागेश्वर मंगरदैता, देवनारायण हजारी सहित अन्य लोग थे। मिडिल स्कूल छातापुर परिसर में कबीर विचार मंथ के सौजन्य से आयोजित सत्संग में सोमवार को मौजूद श्रद्धालु।
Source-HINDUSTAN