
धर्मगंज एपीएचसी में नहीं है एंटीरेबिज
आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में चयनित प्रखंड के धर्मगंज अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में सुविधाओं का अभाव है। स्थिति यह है आसपास के गांव के 50 हजार की आबादी के इलाज का जिम्मा एक एमबीबीएस डॉक्टर के पास है। स्टाफ की कमी व संसाधनों के अभाव के कारण काफी परेशानी होती है। गंभीर मरीजों को रेफर किया जाता है। दुखद स्थिति यह है कि यहां न तो कुत्ता काटने और न ही सांप काटने के इलाज की दवा है। सांप काटने की दवा नहीं रहने से पलासी पीएचसी या अन्य अस्पताल पहुंचने के पहले की मरीज की मौत हो जाती है।
सरकारी क्वार्टर जर्जर, नहीं रहना चाहते कोई: बताया गया कि अस्पताल में रहने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बने भवन की स्थिति जर्जर है। वर्तमान में धर्मगंज एपीएचसी में एक एमबीबीएस डॉक्टर ओमप्रकाश व आयुष चिकित्सक सुरेन्द्र प्रसाद के अलावे दो एएनएम की पदस्थापना तो की गयी है लेकिन इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पाता है। इसका मुख्य कारण है समय पर चिकित्सक की उपस्थिति नहीं होना तथा अस्पताल में संसाधनों की भी कमी रहना। इस अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर ग्रामीणों द्वारा तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं लेकिन ओपीडी में प्रतिदिन 40 से 50 मरीजों का दावा किया जा रहा है। यही नहीं आंकड़े भी दिये जाते हैं।
HINDUSTAAN