एक साल बाद अवेश राही हत्याकांड का खुलासा
एक साल बाद बैरगााछी थाना क्षेत्र की बोची गांव निवासी अवेश राही हत्याकांड का खुलासा हुआ। अपराधियों ने अवेश को कत्ल कर लाश को एमपी धार बागेश्वरी के पास फेंक दिया था। पुलिस ने मामले का उद्भेदन कर लिया है।
पुलिस ने जोगिंदर गांव के मो. अकबर, तुरकैली गोरामनी कोठी निवासी रामचंद्र साहनी की गिरफ्तारी कर पूछताछ के बाद खुलासा किया। थानेदार प्रेम बल्लब मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार दोनों हत्यारोपियों ने अपना जुर्म कबूला है। इसके साथ ही कई चौंकाने वाला तथ्यों का भी खुलासा हुआ है। हत्या की वजह भूमि विवाद थी। हालांकि हत्या का मास्टर माइंड का खुलासा नहीं हो पाया है। मगर इसका कत्ल पेशेवर हत्यारा नगर थाना क्षेत्र के मानिकपुर गांव निवासी नौशाद आलम ने दो लाख सुपारी लेकर किया गया है। थानेदार ने बताया कि नौशाद का ससुराल जोगिंदर गांव में है।
घटना के दिन नौशाद ही ने अवेश राही को मोबाइल के जरिए किसी फायदे का लालच देेकर बुलाया था। पहलेे तुुुुरकैली चौक पर सब मिलकर नशा किया। इसके बाद इन लोगों के अलावे एक बाइक पर सवार दो अजनबी नकाबपोश व नगर थाना के डम्हैली के मूल निवासी फिलहाल बेरगाछी थाना केे चरघरिया का रहने वाला मोहसिन ने अवेश राही को एमपी धार के पास ले गया। जहां पर अकबर ने दबिया से अचानक उसके गर्दन पर प्रहार कर दिया। इसके बाद रामचन्द्र साहनी ने चाकू से रेत कर सिर को धर से अलग कर दिया। थानेदार ने बताया अकबर के निशानदेही पर ही रामचंद्र साहनी को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही आरिफ के घर के पास जंगलनुमा परती जमीन में गड़ा बाइक भी बरामद हुआ। उन्होंने कहा कि यह सब मोबाइल ट्रेेेेकिंग के जरिए संभव हो पाया। नौशाद ने अकबर के नाम से जो सीम निकालकर इस्तेमाल कर रहा था। घटना के बाद सीम बंद कर दिया गया। इसी सीम से अंतिम बात मृतक से हुई थी।
स्रोत-हिन्दुस्तान