
अररिया: भरगामा में आक्रोशित ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
भरगामा प्रखंड के खजुरी पंचायत स्थित गांधीनगर बलुआही गांव में लोगों के घर-दरबाजे पर बिलेनिया नदी का पानी घुस जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार को अररिया-सुपौल एनएच को खजूरी डायवर्जन के समीप जाम कर कर दिया। इससे बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर नाराजगी जताई।
प्रदर्शनकारियों एनएच पर बने खजूरी डायवर्जन को तोड़वाकर बिलेनिया नदी का पानी पास करवाने की मांग पर अड़े थे। ग्रामीणों का कहना था कि डायवर्सन तोड़ देने पर गांव की ओर जा रही बिलेनिया नदी का पानी रूक जाएगा। इसके अलावे आक्रोशित ग्रामीण वरीय अधिकारियों को भी जाम स्थल पर बुलाने की मांग कर रहे थे। जाम व प्रदर्शन के कारण करीब तीन घंटे तक अफरातफरी मची रही। एनएच के दोनो ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई।
इधर जाम की सूचना मिलते ही भरगामा सीओ संजय कुमार व थानाध्यक्ष विकास कुमार आजाद सदलबल स्थल पर पहुंचे। इसके बाद प्रदर्शनकारी ग्रामीणों को समझाना-बुझाना शुरू किया, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। काफी मशक्कत के बाद ग्रामीण शांत हुए। करीब तीन घंटे के बाद पुन: यातायात बहाल हुआ। इस दौरान लंबी दूरी की दर्जनों गाड़ियां जाम में फंसी रही।
जानकारी के अनुसार लगातार बारिश के कारण प्रखंड होकर बहने वाली बिलेनिया नदी का पानी खजूरी के बलुआही गांव में घुस गया। यह देर रात की घटना है। सुबह होते-होते यह पानी दरबाजे व आंगन तक पहुंच गया। इसके बाद ग्रामीण जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी थी, एनएच को जाम कर यातायात अवरुद्ध कर दिया।
हालांकि इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने बिलेनिया नदी के डायवर्सन को तोड़ने की कोशिश भी की, जिसे स्थानीय पुलिस प्रशासन ने अपनी सूझबूझ से बचा लिया। इस दौरान कुछ देर तक प्रदर्शनकारियों व पुलिस प्रशासन प्रशासन के बीच हल्की कहासुनी हुई। प्रदर्शनकारियों द्वारा नहीं मानने पर पुलिस ने कड़ा रूख अख्तियार प्रदर्शकारियों को खदेड़ दिया। प्रदर्शनकारी भी मानने वाले नहीं थे। ग्रामीणों ने बताया कि बिलेनिया नदी में जो डायवर्सन बनाया गया है उसके ह्यूम पाइप से समुचित मात्रा में नदी के पानी की निकासी नहीं हो रही है। इस बजह से बिलेनिया नदी उफना गई है। नदी के उफनाने से पूरे गांव में घर-दरबाजे पर फैल गया है। बताया कि सोमवार सुबह से ही लोगों के घरो में पानी घुसा हुआ है । पानी घटने के बजाए बढ़ ही रहा है । ग्रामीणों का आरोप था कि प्रशासन को सूचना देने के बाद भी कोई अधिकारी अबतक झांकने नही पहुंचे हैं। जबकि पिछले 24 घंटा से अधिक समय से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मवेशियों को पशुचारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। धान की फसलें डूब गई है । लोगों का कहना था कि नदी के पानी घर में घुसने से उन लोगों को खाने पीने की समस्या आ गई है। घर का चूल्हा जलाना भी मुश्किल है।