
ओडिशा से नाबालिग भाई का शव लाने के लिये बेच दिये घर के चावल, काम करवाने के लिए ले गया था एजेंट – ARARIA NEWS
चावल बेचकर जुटाए पैसे तो नाबालिग बेटे का शव आया बिहार, काम के नाम पर ओडिशा लेकर गया था एजेंट- पढ़ें खबर
अररिया : भाई की लाश मंगवाने के लिए एक बहन ने अपने खाने के लिए रखा पूरा चावल बेच दिया. मामला 26 जनवरी का है जब गांव के ही युवक ने जिंदा रहते उसके भाई को बहला फुसला कर अपने साथ ओडिशा के रायगढ़ ले गया था. मृतक की बहन ने आरोप लगाया कि उसके भाई को वहां पर बंधक बनाकर काम कराया गया. वह घर आना चाहता था लेकिन उसको आने नहीं दिया गया. मृतक की बहन का कहना है कि आरोपी युवक जो कि ‘रेलवे ठेकेदार का मुंशी’ है उसने उसके भाई की हत्या की है.
भाई का शव लाने के लिए बेचे चावल : मृतक की बहन ने आरोप लगाया कि मिट्ठू कुमार को ओडिशा में तीन टाइम का खाना ही मिलता था. जब परिजनों को इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने मिट्ठू को वापस घर भेजने की कोशिश की, लेकिन आरोपी ठेकेदार का मुंशी कमल ऋषिदेव, जो कि नंदनपुर मौजा के बनगामा वार्ड संख्या 06 का निवासी है, ने उसे वापस नहीं भेजा. इसी बीच गुरूवार को उसके हादसे में मौत की सूचना मिली
जवान बेटे के शव को निवाला बेचकर लाया पिता : बिहार के अररिया जिले में बनगामा पंचायत के खैरुगंज गांव में 26 जनवरी को एक नाबालिग के शव को उड़ीसा से बड़ी कठिनाइयों के बाद लाया गया. शव लाने में स्थानीय मुखिया और परिजनों ने मिलकर सहयोग किया. शर्मनाक बात ये है कि मृतक की बहन ने अपने भाई का शव लाने के लिए घर का चावल बेचकर पैसे जुटाए थे.
”उड़ीसा से मृतक के परिजनों को सूचना मिली कि मिट्ठू एक रेलगाड़ी से दुर्घटनाग्रस्त हो गया है, और उसकी मौत हो गई है. शव की हालत क्षत-विक्षत थी. मृतक के परिजनों ने शव को लाने की मांग की तो कमल ऋषिदेव (ठेकेदार के मुंशी) ने शव भेजने में बहाने बनाए और कहा कि 60 हजार रुपये ले लो और इधर ही अंतिम संस्कार कर दो.”- तपस्या देवी, मृतक की बहन
शव लाने के लिए परिजनों ने जुटाए पैसे : मृतक के परिजनों ने अपनी गरीबी के बावजूद घर का चावल बेचकर पैसे जुटाए और मृतक के पिता महेंद्र ऋषिदेव को उड़ीसा भेजकर शव मंगवाया. इस दौरान ठेकेदार ने मृतक के परिवार को 1000 रुपये की सहायता दी, लेकिन वह भी कमल ऋषिदेव द्वारा ले लिया गया.
प्रशासन से मदद की गुहार : स्थानीय ग्रामीणों और मुखिया प्रतिनिधि मो. आदिल व सरपंच ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हुए बताया कि कमल ऋषिदेव ने 25 से अधिक लोगों को बनगामा गांव से उड़ीसा ले जाकर वहां मजदूरी करवाई है. इन लोगों को कमल के चंगुल से मुक्त कराकर अररिया लाने की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी कहा कि मृतक के परिजन गरीब हैं और उन्हें सरकारी मदद मिलनी चाहिए. मृतक के परिवार ने कमल ऋषिदेव पर हत्या का आरोप लगाते हुए उचित न्याय की मांग की है.