
बिहार में लव मैरिज का खौफनाक अंत — अररिया में नवविवाहिता की संदिग्ध मौत, दहेज हत्या का आरोप
रिपोर्टर: [सीमांच लाइव ब्यूरो]
स्थान: अररिया, बिहार
तारीख: 4 अक्टूबर
घटना का सारांश:
अररिया जिले के बनगामा पंचायत से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां 22 वर्षीय नवविवाहिता सपना कुमारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
मृतका के मायके वालों ने आरोप लगाया है कि उसकी हत्या दहेज के लिए की गई है।
वहीं पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पति व सास को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
पांच महीने पहले हुई थी लव मैरिज:
सपना कुमारी, निवासी राधानगर (पूर्णिया) ने लगभग पांच महीने पहले सोनू कुमार, निवासी बनगामा वार्ड संख्या 13, अररिया, से लव मैरिज की थी।
शादी के शुरुआती कुछ महीने सबकुछ सामान्य था, लेकिन परिजनों के मुताबिक,
“धीरे-धीरे सास, ससुर और ननद ने उस पर मायके से दहेज लाने का दबाव डालना शुरू कर दिया।”
₹4 लाख और बाइक की मांग:
सपना के पिता ने बताया कि शादी के कुछ महीनों बाद ससुराल पक्ष ने
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₹4 लाख रुपये नकद और
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एक मोटरसाइकिल
की मांग की।
जब सपना ने यह बात अपने मायके में बताई तो उन्हें उम्मीद थी कि मामला सुलझ जाएगा। लेकिन तनाव बढ़ता गया और अंततः सपना की संदिग्ध मौत की खबर आई।
परिजनों का आरोप है —
“दहेज न मिलने से नाराज होकर ससुराल पक्ष ने हमारी बेटी की हत्या कर दी।”
पुलिस की कार्रवाई और बयान:
मृतका के परिजनों ने इस मामले में नगर थाना, अररिया में एफआईआर दर्ज कराई है।
जिसके बाद पुलिस ने पति सोनू कुमार और सास को हिरासत में लिया है।
सदर एसडीपीओ सुशील कुमार ने बताया —
“एक नवविवाहिता की संदिग्ध अवस्था में मौत का मामला प्रकाश में आया है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
परिजनों की लिखित शिकायत पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।”
मौत कैसे हुई, अब तक साफ नहीं:
ससुराल पक्ष का कहना है कि सपना को संदिग्ध अवस्था में बेहोश पाया गया और आनन-फानन में सदर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो सकेगा।
पृष्ठभूमि: बिहार में दहेज हिंसा के आंकड़े
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार,
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बिहार देश में दहेज हत्या के मामलों में शीर्ष तीन राज्यों में शामिल है।
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हर साल लगभग 1,500 से अधिक मामले दर्ज किए जाते हैं।
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कई मामलों में लव मैरिज भी दहेज विवादों में बदल जाते हैं।
स्थानीय प्रतिक्रिया:
स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा —
“लव मैरिज के बाद भी अगर समाज में दहेज का साया है, तो यह बेहद चिंताजनक है। प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे।”
महिला अधिकार कार्यकर्ता रीता झा ने कहा —
“यह सिर्फ एक पारिवारिक मामला नहीं बल्कि सामाजिक बीमारी है। जब तक दहेज प्रथा खत्म नहीं होगी, ऐसी घटनाएं जारी रहेंगी।”
विश्लेषण: प्यार से रिश्ते की शुरुआत, अंत में शंका और सन्नाटा
यह मामला एक बार फिर बिहार में लव मैरिज के बाद बढ़ते दहेज उत्पीड़न की ओर इशारा करता है।
समाज में बदलाव के बावजूद, लव मैरिज के बाद भी आर्थिक मांगों और सामाजिक दबावों ने कई रिश्तों का अंत कर दिया है।
कानूनी रूप से दहेज निषेध अधिनियम 1961 के तहत ऐसे अपराधों पर कठोर सजा का प्रावधान है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अब भी इसका पालन कमजोर है।
आगे की कार्रवाई:
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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
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पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच टीम गठित की है।
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परिजनों ने न्याय की मांग करते हुए मुकदमा तेज़ करने की अपील की है।