
दिल्ली अग्निकांड : बिहार के 30 लोगों की मौत
दिल्ली के भीषण अग्निकांड में बिहार के 29 लोगों की इहलीला समाप्त हो गई। मृतकों में सहरसा और अररिया के नौ, समस्तीपुर के 11, सीतामढ़ी के बोखरा के पांच, मधुबनी, सुपौल और बेगूसराय के 1-1 और मुजफ्फरपुर के दो लोग शामिल हैं। इस घटना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी संवेदना जताई है।
रविवार को अगलगी की घटना की जानकारी मिलते ही श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने श्रमायुक्त धर्मेन्द्र सिंह को दिल्ली भेज दिया। बिहार सरकार के निर्देश पर श्रम संसाधन विभाग के अधिकारी हरेक बिहारी मृतक के परिजनों से सम्पर्क साध रहे हैं। दिल्ली में रह रहे मृतक बिहारियों के परिजन अगर पैतृक गांव में अंत्येष्टि कराना चाहेंगे तो बिहार सरकार उनको अपने खर्चे से दिल्ली से संबंधित जिलों में ले जाने की व्यवस्था करेगी। वहीं जिनके परिजन दिल्ली में नहीं होंगे, उनको बिहार सरकार दिल्ली ले जाने की व्यवस्था करेगी। सरकार की घोषणा के अनुसार हरेक मृतक के परिजनों को दो-दो लाख का अनुग्रह अनुदान बिहार सरकार की ओर से दिया जाएगा।
मौत की सूचना मिलते ही समस्तीपुर के सिंघिया प्रखंड के हरपुर, ब्रह्मपुरा व बेलाही गांव कोहराम मच गया। मृतकों के घर में लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है। घटना में तीनों गांवों के कई लोगों का पता नहीं चल रहा है। मरने वाले व लापता लोग बैग फैक्ट्री में काम करते थे। इस अग्निकांड में सहरसा के जिन सात लोगों की जान गई है, उनमें छह शहर से सटे नरियार के रहने वाले थे। जबकि एक व्यक्ति नवहट्टा का था।
बताया जा रहा है कि नरियार के अलावा जिले के दो दर्जन से अधिक लोग जैकेट की फैक्ट्री में काम करते थे। अभी तक परिजनों को अपनों के बारे में जानकारी तक नहीं मिल रही है। मृतक के परिजनों के मुताबिक, नरियार के मो. जुबैर की फैक्ट्री में सभी काम करते थे। स्थानीय होने के कारण लोग उसके साथ दिल्ली चले गए। अधिकांश जैकेट फैक्ट्री में सिलाई-कढ़ाई का काम करते थे। ठंड के कपड़े तैयार करने के लिए लोग जून माह में जाते थे और दिसंबर तक वापस लौट जाते थे। परिजनों के मुताबिक फैक्ट्री का मालिक जुबैर के पिता द्वारा भी पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है।
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