
जल्द घर लौटने की बात पत्नी से कहकर निकला था किसान
संसू, जोकीहाट, (अररिया) : महलगांव थाना क्षेत्र के करहरा गांव में ट्रैक्टर से खेत जोत रहे मुजफ्फर नामक युवा किसान की सोमवार की रात जघन्य हत्या के बाद परिजन सहित ग्रामीणों में मातम छाया है। मृतक की पत्नी बीबी हेना की चित्कार से देखने वालों का दिल दहल जा रहा है । हेना रो रोकर कह रही थी कि उनके पति खेत जोतकर जल्द घर लौटने की बात कहकर निकले थे लेकिन क्या पता कि अब उनकी लाश घर आएगी। यह जानती तो उन्हें जाने ही नहीं देती। उपरवाले ने आखिर किस गुनाह की सजा मुझे और मेरे बच्चों को दी है। अब मेरे चार बेटियों की शादी कैसे होगी। उपरवाले ने कोई बेटा भी नहीं दिया है जो मेरा सहारा होगा। हेना की आंखों से बहते आंसू देख लोगों का दिल पसीज जाता है। उनकी बेटियों का भी रो रोकर बुरा हाल है कि अब वो किसे पापा कहेंगे। कौन हमारी मांगे पूरी करेगा। मुंह से बात निकलते ही मेरे पापा मांगे पूरी करते थे। हम सभी बहनों के लिए दिन रात मेहनत करते थे। अब तो हमारी दुनिया ही उजड गई। — इंसेट : छह वर्षों में तीन होनहार युवाओं की हत्यामहलगांव पंचायत के करहरा गांव में छह वर्षों में छोटे मोटे हित के लिए अबतक तीन होनहार युवाओं की हत्या दरिदों ने कर दी है। वर्ष 2013 में करहरा गांव के लोकप्रिय युवा मो नासिर, पिता दबीरूद्दीन की हत्या कर हत्यारों ने शव को खेत में फेक दिया था। नासिर की हत्या से सनसनी फैल गई थी। नासिर की हत्या के करीब एक वर्ष बाद मो मसरूल के जिगर का टुकडा मो मुर्शिद नामक युवक की हत्या हो गई। गांव में नफरत और हत्या के सिलसिला चलने से प्रसिद्ध शायर व सेवानिवृत शिक्षक दीनरजा अख्तर ने दुखी होकर करहरा गांव आना ही छोड़ दिया। स्वर्गीय मुर्शिद, शिक्षक दीनरजा अख्तर तथा जोकीहाट डीडीओ मो साबिर आलम का भतीजा था। मास्टर साबिर ने बताया कि जबसे उनके भतीजा की हत्या हुई है उनके बड़े भाई तो गांव छोड़ ही दिए हैं अब मैं भी गांव कम ही जाता हूं। उक्त दोनों हत्या का गम लोग भूल भी नहीं सके थे कि मुजफ्फर की हत्या ने गांव वालों को दहशत में डाल दिया है। अब तो लोग दलमालपुर गांव की तरह करहरा गांव को भी खुनिया गांव कहने लगे हैं।
स्रोत-दैनिक जागरण