
अररिया/जोगबनी:
नेपाल ने गुरुवार को बिना किसी पूर्व सूचना के बिहार के जोगबनी बॉर्डर पर भारतीय वाहनों की एंट्री अचानक रोक दी। इस फैसले के बाद न सिर्फ भारतीय वाहन चालकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी, बल्कि सीमा पर लंबा जाम भी लग गया।
बिना सूचना रोकी गई एंट्री
अररिया, पूर्णिया और कटिहार से बड़ी संख्या में लोग रोजाना नेपाल के लिए जोगबनी बॉर्डर से गुजरते हैं। गुरुवार सुबह अचानक जब भारतीय वाहनों को सीमा से लौटाया जाने लगा तो लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
मरीजों को भी नहीं मिली राहत
अररिया से नेपाल में इलाज के लिए अपने पिता को ले जा रहे मोहम्मद जहांगीर ने बताया:
“मेरे पिता चलने-फिरने में असमर्थ हैं, लेकिन नेपाल पुलिस ने हमें सीमा से लौटा दिया। अब रेलवे स्टेशन के पास गाड़ी खड़ी कर, पैदल नेपाल जाना पड़ रहा है।”
ऐसे दर्जनों लोग प्रभावित हुए।
SSB ने की मदद, लेकिन स्थानीय प्रशासन अनजान
सीमा पर तैनात SSB के जवान लोगों की मदद करते नजर आए, लेकिन भारतीय जिला प्रशासन को इस फैसले की पहले से कोई जानकारी नहीं थी।
अररिया कलेक्टर ने कहा:
“भारत की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया था। यह पूरी तरह नेपाल की आंतरिक कार्रवाई है।”
मंच अध्यक्ष ने किया हस्तक्षेप
भारत-नेपाल सामाजिक-सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष राजेश कुमार ने इस फैसले की शिकायत मोरंग जिला अधिकारी इंद्रदेव यादव से की।
इस पर यादव ने कहा:
“जिला प्रशासन की ओर से सीमा बंद करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।”
वजह: नेपाल का बजट सत्र और भंसार व्यवस्था बंद
नेपाल भंसार प्रमुख उमेश श्रेष्ठ ने बताया कि:
“आज नेपाल के अर्थ मंत्री द्वारा राष्ट्रीय बजट पेश किया जाना है, इसलिए इंट्रीग्रेटेड चेक पोस्ट और सभी भंसार बिंदु बंद कर दिए गए हैं।”
इसका सीधा असर भारत से आने-जाने वाले वाहनों और सामग्रियों पर पड़ा।
किराया वसूली में दिखा फायदा उठाने का मौका
भारतीय वाहनों की एंट्री बंद होते ही नेपाल के टैक्सी चालकों ने किराया दोगुना वसूलना शुरू कर दिया।
लोगों को मजबूरी में महंगे दामों पर टैक्सी बुक करनी पड़ी।
लोगों से अपील
राजेश कुमार ने लोगों से अपील की:
“जब तक वाहन एंट्री फिर से शुरू न हो, नेपाल यात्रा से परहेज करें। यह केवल एक दिन की अस्थायी स्थिति है।”
निष्कर्ष (संपादकीय टिप्पणी):
नेपाल द्वारा अचानक सीमा बंद करना लोगों के लिए परेशानी का कारण जरूर बना, लेकिन इसकी वजह एक आंतरिक आर्थिक और प्रशासनिक प्रक्रिया रही।
सीमा पर समन्वय की कमी ने स्थिति को और उलझा दिया।
भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए दोनों देशों के प्रशासन को आपसी सूचना प्रणाली और समन्वय को मजबूत करना होगा।