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अररिया में सामूहिक बालसभा में डेढ़ लाख बच्चे हुए शामिल

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अररिया में सामूहिक बालसभा में डेढ़ लाख बच्चे हुए शामिल

गूगल फॉर्म के तहत कराई गई जांच में विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बहुत कम दर्ज हुई थी। इसके बाद डीएम ने विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए नीति आयोग की बैठक में प्रत्येक माह के आखिरी शनिवार को विद्यालयों में बाल सभा का आयोजन कराने का निर्देश दिया था। डीएम ने सामूहिक बाल सभा के बेहतर परिणाम को देखते हुए अब प्रत्येक सप्ताह बाल सभा का आयोजन कराने का निर्देश दिया है। इसी कड़ी में शनिवार को एक हजार प्रारंभिक विद्यालयों में बाल सभा का आयोजन हुआ। इसमें डेढ़ लाख बच्चे शामिल हुए।

अभिभावकों ने भी लिया भाग: आयोजित बाल सभा में अभिभावकों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। उनके मन में सरकारी विद्यालयों के प्रति जो उदासीनता थी वह धीरे धीरे कम होती दिख रही है। सामूहिक बालसभा में चार हजार से अधिक शिक्षक, एक लाख पांच हजार बच्चे और पांच हजार से अधिक अभिभावक शामिल हुए थे।

देश का सबसे पिछड़ा जिला है अररिया:

नीति आयोग के सर्वे में चिह्नित देश के सबसे पिछड़े 115 जिलों में अररिया सबसे निचले पायदान पर था। आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास तथा मूलभूत आधारित संरचना जैसे विकास के आयामों को बेहतर बनाने के लिए जिले में अलग-अलग कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसमें शिक्षा एवं स्वास्थ्य में चल रहे कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन में जिला प्रशासन के सहयोग के लिए नीति आयोग ने पिरामल फाउंडेशन को नॉलेज पार्टनर बनाया है। नीति आयोग के निर्देश पर जिले के समस्त पदाधिकारियों ने एक-एक और सभी सीआरसीसी को दो-दो विद्यालयों को गोद में मिला है। इन्हें संबंधित विद्यालयों में बच्चों की अधिगम स्तर में गुणवत्ता लाने की जिम्मेदारी दी गई है।

प्रशासन की चुनौती: जिले में वर्तमान में शिक्षा की काफी दयनीय स्थिति है। शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन को शिक्षा को पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती है। सामुदायिक संपर्क अभियान चलाये जाने के वावजूद अभिभावकों में सरकारी विद्यालय के प्रति अविश्वास झलकता है। स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के साथ साथ अभिभावकों के विश्वास को जितना होगा। ताकि वह अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें।

बोले डीएम: डीएम बैद्यनाथ यादव ने बताया कि सामूहिक बाल सभा के बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। जिले के स्कूलों में सप्ताह के प्रत्येक उर्दू विद्यालयों में गुरुवार को और अन्य विद्यालयों में शनिवार को सामूहिक बाल सभा का आयोजन होगा।

शनिवार को विद्यालयों में बच्चों की औसत उपस्थिति 41 फीसद आंकी गयी है। इसे बेहतर करने के लिए कुछ विद्यालय अपने स्तर पर बेहतर कार्य भी कर रहे हैं। हाल ही में सिकटी प्रखंड के खोड़ागाछ गांव में संबंधित विद्यालयों के शिक्षक देर शाम को विद्यालय आपके द्वार अभियान चलाया है, जिसका बेहतर परिणाम सुनाने को मिल रहा है

Source- Hindustan

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