Home अररिया ‘चुनाव आयोग के नोटिस का कोई मतलब नहीं’ — दो वोटर आईडी विवाद पर बोले प्रशांत किशोर, कहा- “मुझे गिरफ्तार कर लो, डरता नहीं

‘चुनाव आयोग के नोटिस का कोई मतलब नहीं’ — दो वोटर आईडी विवाद पर बोले प्रशांत किशोर, कहा- “मुझे गिरफ्तार कर लो, डरता नहीं

28 second read
Comments Off on ‘चुनाव आयोग के नोटिस का कोई मतलब नहीं’ — दो वोटर आईडी विवाद पर बोले प्रशांत किशोर, कहा- “मुझे गिरफ्तार कर लो, डरता नहीं
0
5

अररिया, बिहार:
चुनाव आयोग के नोटिस के बाद जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
दो वोटर लिस्ट में नाम दर्ज होने के मामले पर उन्होंने कहा कि —

“यह नोटिस सिर्फ दिखावे के लिए है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे डराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। अगर गलती है तो मुझे गिरफ्तार कर लो, मैं बिहार में ही हूं।”


🧾 विवाद की पृष्ठभूमि: दो राज्यों में नाम

चुनाव आयोग ने हाल ही में नोटिस जारी कर बताया था कि प्रशांत किशोर का नाम दो राज्यों की वोटर लिस्ट में दर्ज है —

  • एक नाम बिहार के सारण जिले के कोणार गांव में दर्ज है (उनका पैतृक निवास)

  • दूसरा नाम पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में जुड़ा बताया गया है।

PK ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि,

“2019 से मेरा नाम मेरे पैतृक गांव कोणार में है। दो साल तक मैं बंगाल में रहा, इसलिए वहां का नाम जुड़ गया। जब SIR (Special Intensive Revision) किया गया तब मेरा नाम क्यों नहीं काटा गया? तब ईसी कहाँ था?”


⚡ प्रशांत किशोर का पलटवार — ‘SIR के बहाने डराने की कोशिश’

PK ने SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि,

“SIR के नाम पर बिहार में लाखों लोगों के नाम काट दिए गए। यह आम लोगों को डराने का तरीका है। जो अपने अधिकार के लिए आवाज उठा रहे हैं, उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि

“यह सब गीदड़भभकी है। नोटिस से मैं डरने वाला नहीं हूं। मैं बिहार की जनता के बीच हूं और यहीं से जवाब दूंगा।”


🙏 छठ पर्व पर जनता से अपील

अररिया के नरपतगंज में सभा को संबोधित करते हुए PK ने लोगों से कहा —

“आपने भाजपा के सांसद-विधायक को 25 साल तक जिताया, लेकिन आपके बच्चों की हालत नहीं बदली। अगर आपने अब भी समझदारी नहीं दिखाई, तो आपके बच्चे अगले पांच साल तक मजदूरी करने के लिए बाहर भागते रहेंगे।”

उन्होंने छठ पर्व पर लौटे प्रवासी मजदूरों का जिक्र करते हुए कहा —

“अपने बच्चों के लिए वोट दीजिए, उनके भविष्य के लिए दीजिए। अगर लालटेन में वोट देंगे तो रोशनी लालू जी के घर में ही होती रहेगी।”


🗣️ मोदी की तारीफ, लालू-नीतीश पर हमला

PK ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा —

“मोदीजी को बिहार से बहुत समर्थन मिला। अगर उन्होंने बिहार के लिए एक मीटिंग भी की हो तो बता दीजिए। मेरा वोट भी उन्हीं को जाएगा, लेकिन बिहार के विकास के लिए उनकी नीतियाँ ज़मीन पर उतरनी चाहिए।”

इसके साथ ही उन्होंने लालू यादव और नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा —

“लालू और नीतीश ने 35 सालों में बिहार को मजदूरों की फैक्ट्री बना दिया है। नीतीश की सरकार 5 साल से जनता को लूट रही थी, अब चुनाव से पहले महिलाओं को 10-10 हजार रुपये देकर खरीदने की कोशिश हो रही है।”


🎤 बीजेपी सांसद का पलटवार

इस विवाद पर अररिया के बीजेपी सांसद ने प्रतिक्रिया दी —

“प्रशांत किशोर दूसरे केजरीवाल हैं। जो कानून को तोड़ते हैं और फिर नैतिकता की बातें करते हैं। जनता सब देख रही है। एनडीए की सरकार ने बिहार को जो विकास दिया है, वह ऐसे लोगों के वादों में नहीं डूबेगी।”

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि PK का नाम दो राज्यों की वोटर लिस्ट में होना कानूनी अपराध है और चुनाव आयोग को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।


⚖️ कानूनी पहलू: क्या दो वोटर आईडी अपराध है?

भारतीय जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत किसी व्यक्ति का नाम दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में दर्ज होना अवैध है।
यह धारा 31 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है, जिसमें जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है।

हालाँकि, विशेषज्ञों के अनुसार यह गलती अक्सर “तकनीकी” स्तर पर होती है, जब एक राज्य में नाम हटने से पहले दूसरे में जोड़ा जाता है।


📊 राजनीतिक प्रभाव

इस विवाद ने बिहार की सियासत में नया मोड़ ला दिया है।
प्रशांत किशोर पहले से ही ‘जनसुराज यात्रा’ के जरिए नीतीश और तेजस्वी दोनों पर प्रहार कर रहे हैं।
अब चुनाव आयोग के नोटिस के बाद PK खुद को ‘राजनीतिक पीड़ित’ के रूप में पेश कर रहे हैं — जिससे उनके समर्थकों के बीच सहानुभूति बढ़ सकती है।


🧾 निष्कर्ष

प्रशांत किशोर के बयान ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अब सीधी राजनीतिक टक्कर में उतर चुके हैं।
जहाँ एक ओर उन्होंने लालू-नीतीश को निशाने पर रखा, वहीं मोदी के प्रति सकारात्मक रुख दिखाकर एक “नया राजनीतिक संतुलन” बनाने की कोशिश की है।
अब देखना यह होगा कि दो वोटर आईडी विवाद के बाद EC की जांच का परिणाम क्या आता है और इसका जनसुराज आंदोलन पर कितना असर पड़ता है।


🔗 बाहरी स्रोत (External Source):

👉 Election Commission of India – Representation of the People Act, 1951
👉 NDTV Hindi – बिहार चुनाव कवरेज 2025


❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. प्रशांत किशोर के खिलाफ चुनाव आयोग ने नोटिस क्यों भेजा?
क्योंकि उनका नाम दो राज्यों — बिहार और बंगाल — की वोटर लिस्ट में दर्ज पाया गया।

Q2. क्या दो वोटर आईडी रखना अपराध है?
हाँ, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत यह कानूनन अपराध है।

Q3. प्रशांत किशोर ने क्या जवाब दिया?
उन्होंने कहा कि यह गलती तकनीकी है और उन्हें डराने के लिए नोटिस भेजा गया है।

Q4. क्या चुनाव आयोग कार्रवाई करेगा?
EC ने जांच शुरू की है; यदि आरोप साबित हुआ तो उनका नाम एक राज्य की सूची से हटाया जाएगा।

Q5. क्या PK मोदी को समर्थन दे रहे हैं?
उन्होंने कहा कि मोदी को बिहार से समर्थन मिला, लेकिन विकास के वादे पूरे नहीं हुए।

Q6. क्या यह विवाद PK की राजनीतिक छवि पर असर डालेगा?
यह विवाद उनके समर्थकों में सहानुभूति भी बढ़ा सकता है और विरोधियों को मुद्दा भी देगा।

Load More Related Articles
Load More By Seemanchal Live
Load More In अररिया
Comments are closed.

Check Also

खतवे जाति को SC का दर्जा देने के खिलाफ PIL, पटना हाईकोर्ट जल्द करेगी सुनवाई — सरकार के फैसले पर उठे संवैधानिक सवाल

पटना:बिहार विधानसभा चुनाव के माहौल के बीच एक नई कानूनी बहस ने सियासत को गर्मा दिया है।खतवे…