
फारबिसगंज:ऑल इंडिया प्रेसीडेंट अवॉर्डीश एसोसिएशन (आईपा) के राष्ट्रीय समन्वयक राशिद जुनैद के निर्देश पर आईपा बिहार के राज्य सचिव विवेक कुमार आजाद के द्वारा भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा एवं पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया से आरटीआई के माध्यम से वर्ष 1988 में तत्कालीन राज्यपाल बिहार के निर्देश पर सरकार के विशेष सचिव श्री बीएन मिश्र के हस्ताक्षर से सभी विश्वविद्यालय के उपकुलपति, रजिस्ट्रार, सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी जिला शिक्षा अधीक्षक, सभी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य को प्रतिलिपि प्रेषित कर राष्ट्रपति पुरस्कृत स्काउट-गाइड को 18 अंक वेटेज के तौर पर सभी महाविद्यालयों, शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, एवं विश्वविद्यालय विभागों में प्रवेश में वेटेज दिए जाने का प्रावधान है। लेकिन पूर्व में स्काउट गाइड को उक्त पत्र के आलोक में लाभ नहीं दिए जाने को लेकर दोनों यूनिवर्सिटी से आरटीआई के माध्यम से जवाब मांगा गया था। उक्त के संदर्भ में भूपेंद्र नारायण मंडल यूनिवर्सिटी के द्वारा बताया गया कि यूनिवर्सिटी की स्थापना वर्ष 1992 में हुई है और शिक्षा विभाग द्वारा अध्यक्ष छात्र कल्याण कार्यालय को इस नियम के सन्दर्भ में सूचना अप्राप्त है!जबकि पूर्णिया यूनिवर्सिटी ने अपने पत्र में कहा कि यूनिवर्सिटी स्थापना मार्च 2018 में हुई है अतः उससे पूर्व की सूचना इसके पैतृक विश्वविद्यालय बी०एन० मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा से प्राप्त किया जा सकता है। जिस संदर्भ में राष्ट्रीय समन्वयक राशिद जुनैद ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी द्वारा आरटीआई के जवाब की केवल खानापूर्ति की गई है। ऐसा कैसे हो सकता है की शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र की सूचना किसी यूनिवर्सिटी को नहीं हो यूनिवर्सिटी प्रशासन को अपनी समीक्षा करने की आवश्यकता है देश के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित स्काउट- गाइड के हक को विश्वविद्यालय खानापूर्ति कर दबा नहीं सकती आईपा बिहार इस संदर्भ में अग्रेषित कार्रवाई करेगी साथ ही इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, शिक्षा मंत्री और महामहिम राज्यपाल बिहार को भी यूनिवर्सिटीओं के गैरजिम्मेदाराना रवैया से अवगत कराया जाएगा। राष्ट्रपति पुरस्कृत स्काउट गाइड के हक के लिए आईपा प्रतिबद्ध है। आवश्यकता पड़ने पर आईपा चरणबद्ध आंदोलन के लिए प्रतिबद्ध होगी। वही अररिया जिला अध्यक्ष अविनाश कुमार गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालयों को आरटीआई के जवाब देने से पूर्व शिक्षा विभाग के पूर्व के पत्रों को खगालना चाहिए उससे संबंधित सूचनाओं को एकत्रित करनी चाहिए और संतोषजनक जवाब देना चाहिए था इस तरीके का जवाब देकर विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए पूर्व के आदेशों की अवहेलना कर रही है जो बिल्कुल ही अनुचित है। वही यूनिवर्सिटी के गैर जिम्मेदाराना जवाबी पत्र को लेकर किशनगंज जिला समन्वयक सुमित कुमार यादव, पूर्णिया जिला समन्वयक स्माइल हसन, अररिया जिला अध्यक्ष अविनाश कुमार गुप्ता, जिला सचिव मो० इमरान, जिला समन्वयक शुभम कुमार ठाकुर, सदस्य स्वीटी सिद्दीकी, जूही मल्लिक, अजय कुमार, श्रेया गुप्ता, नंदन कुमार, दीपक कुमार, रिया कुमारी,गोपाल कुमार, तौसीफ रेजा आदि ने नाराजगी व्यक्त की।