अररिया के फारबिसगंज में जमे कचरे को घनी आबादी के बीच जलाया
फारबिसगंज नगर परिषद में कथित रूप से गड़बड़ी का राज है। जल जीवन व हरियाली को लेकर अभियान चला रही है वहीं दूसरी व फारबिसगंज नगर परिषद में सीबीएस संस्था सरकार के अभियान को ठेंगा दिखाकर पहले घनी आबादी के बीच कचरा का भंडारण किया
जाता है।
इससे हजारों की आबादी के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। कहते हैं बिहार सरकार ने सुखा कचरा को नष्ट करने और गीला कचरा से खाद बनाने की योजना के तहत डोर टू डोर कचरा प्रबंधन स्कीम लागू किया। इसका फारबिसगंज नगर परिषद में अनुपालन नही किया जा रहा है। यहां गीला और सुखा कचरा को साथ-साथ संग्रह कर घनी आबादी वाले काली मेला में कचरा को संग्रह किया जाता है। इससे यहां का वातावरण प्रदूषित हो गया है। मामले को हिन्दुस्तान मे प्रकाशित होने के बाद अब उसी कचरा को खुलेआम जलाकर पर्यावरण से खिलवाड़ किया जा रहा है। काली मेला के निवासियों का कहना है कि कचरे और प्लास्टिक में आग लगाने के बाद निकलने वाले धुएं से आसपास के करीब तीन हजार लोग प्रभावित हो रहा है। एक तो पहले से जिस तरह से धनी आबादी के बीच कचरा फेंककर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। उसे जलाकर यहां के लेागो के जीवन से खिलबाड़ किया जा रहा है। संबंधित वार्ड पार्षद प्रतिनिधि बेलाल अली ने इस मामले में जिला पदाधिकारी से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि जिस तरह पहले कचरा का भंडारण कर फिर खुलेआम कचरा और प्लास्टिक को जलाकर हजारो लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। यह गैरकानूनी है और इस पर शीघ्र कार्रवाई होनी चाहिए। बिलाल ने कहा कि बार-बार इस दिशा मे कार्यपालक पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट करवाने और अखबार मे प्रकाशित होने के बाद भी कार्यरत संस्था सीबीएस द्वारा इसे गंभ्ीारता से नहीं लिया जाना जनहित के खिलाफ है।