अब तोहरा बगैर कैसे रहबे होे बब्बू…
बब्बू रे बब्बू अब तोहरा बिन कैसे रहबे रे बब्बु के चित्कार से मृतक विकास की मां संगीता जहां बार बार बेहोश जाती वहीं रु दन क्रंदन से आसपास का माहौल गमगीन हो गया।
एक ही समुदाय के दर्जनों महिलाओं के चीख और चीत्कार से पूरा गांव शोक में डूब गया। गांव की सभी महिला एकत्रित होकर शव के पास विलाप कर रही थी। नवमीं के दिन मनिहारी अनुमंडल के बोचाही गांव में स्नान करने के दौरान बोचाही गांव में पांच बच्चों की मौत में तीन बच्चा एक ही परिवार के रहने से आदिवासी समुदाय में हाहाकार और अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। मृतक विकास के पिता एक पैर से दिव्यांग गुमदी मुर्मू के आंखे नम थी। मानो एक टक से वे अपने पुत्र की इंतजार कर रही है। इनके एक भाई आशा मुर्मू मजदूरी की तलाश में बाहर गये हैं। गुमदी के अनुसार आशा मुर्मू की एक लड़की सरस्वती तथा एक लड़का देवेन्द्र दोनों भाई बहन की डूबने से मौत हो गयी है। राज किशोर मुर्मू तथा नेरोनी के पिता भी मजदूरी के लिए बाहर है। नेरोनी बगल के गांव डुमरकोल से अपने रिश्तेदारों के घर अपनी माता के साथ आई थी। गुमदी के अनुसार ये सभी बच्चे खेलने के दौरान बाढ़ के पानी में नहाने गये थे। नहाने के दौरान गहरे पानी में चले जाने के कारण सभी डूब गये। बोचाही वार्ड के वार्ड सदस्य मो. बेलाल ने बताया कि वे थोड़ी ही देर पहले उस गांव का भ्रमण कर अपने घर पहुंचे थे। तभी लोगों का फोन आया कि पांच बच्चा डूब गया है। बेलाल ने कहा कि सूचना मिलते ही वे अन्य सहयोगियों के साथ तुरंत बोचाही गांव पहुंच गए। मौत की सूचना आग की तरह फैल गया।
स्रोत-हिन्दुस्तान